- -लोस में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण लोबिन हो चुके हैं पार्टी से निष्कासित
- – हेमंत सोरेन के विश्वास मत में समर्थन करके पार्टी को सोचने को मजबूर किया, चमरा लिंडा का भी निलंबन मुक्त होना तय
- -सीता सोरेन के भाजपा में जाने के बाद पार्टी को जरूरत है एक मजबूत प्रत्याशी की, जामा से भाजपा उतार सकती है सीता की बेटी को
Kaushal Anand
Ranchi : झारखंड झामुमो विधानसभा की तैयारी में जुट गया है. सीट और पार्टी प्रत्याशियों को लेकर भी मंथन शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में राजमहल सीट से पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने के आरोप में विधायक लोबिन हेंब्रम पार्टी से छह साल के निष्कासित हो चुके हैं. अब इनका मामला विधानसभा न्यायीकरण में लंबित है. इसलिए पार्टी के पूर्व सांसद रहे हेमलाल मुर्मू लोबिन की सीट बोरिया से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने इसकी दावेदारी भी पार्टी के समक्ष रख दी है. मगर लोबिन हेंब्रम ने हेमंत सोरेन के विश्वास मत के दौरान सरकार को समर्थन देकर लचीला रुख अपनाया है. इसके बाद पार्टी के समक्ष अब धर्मसंकट उत्पन्न हो गया. ऐसे में आगामी चुनाव में लोबिन को बदला जाये या नहीं. इसको लेकर शीर्ष स्तर पर विचार-विमर्श जारी है. अब पार्टी बीच का रास्ता निकालने को लेकर मंथन कर रही है.
चमरा लिंडा का निलंबन मुक्त होना तय
गठबंधन प्रत्याशी के खिलाफ लोहरदगा से निर्दलीय चुनाव लड़े पार्टी विधायक चमरा लिंडा पार्टी से निलंबित हैं. इन्होंने भी हेमंत सोरेन के विश्वास मत के दौरान सरकार को समर्थन दिया. पार्टी को चमरा लिंडा को निलंबन मुक्त करने में कोई तकनीकी पेंच नहीं है. इसलिए संभव है कि चमरा लिंडा बहुत जल्द निलंबन मुक्त हो जायें.
जामा से पार्टी नये चेहरे की तलाश में
शिबू सोरेन की बड़ी बहु और जामा से विधायक रहीं सीता मुर्मू सोरेन लोकसभा चुनाव में भाजपा में चल गयीं. उन्होंने अपना इस्तीफा भी पार्टी और स्पीकर को दे दिया. उनका इस्तीफा दोनों जगह से स्वीकार भी कर लिया गया. जामा से सीता सोरेन का फिर से चुनाव लड़ने में तकनीकी पेंच है. नये नियम और कोर्ट के आदेशानुसार, दूसरे प्रदेश की महिलाओं को राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. यानि वे विधानसभा चुनाव आरक्षित सीट से नहीं लड़ सकती हैं. यही कारण है कि कल्पना सोरेन आदिवासी आरक्षित सीट के बदले सामान्य सीट गांडेय से चुनाव लड़ीं. अब भाजपा सीता को कहां से चुनाव लड़ाती है, इसको लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है. मगर यह तय है कि जामा से भाजपा उनकी बड़ी पुत्री जयश्री सोरेन को उतार सकती है. इसलिए अब झामुमो जामा से नये चेहरे की तलाश में जुट गयी है. पारिवारिक बेटी के खिलाफ सोरेन परिवार और पार्टी किसे मैदान में उतारती है, यह देखना भी दिलचस्प होगा.
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