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- – कैसे सुलझेगी पेंच, सभी के अपने-अपने दावे और लॉजिक
- – विस चुनाव में झामुमो ही रहेगा लीड रोल में
Kaushal Anand
Ranchi : अगर विधानसभा चुनाव अपने निर्धारित समय पर हुआ तो, इसके लिए महज अब चार महीने का समय शेष रह गया है. भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुकी है. इनके विधानसभा प्रभारी सह प्रभारी लगातार दौरे पर हैं. भाजपा के दिग्गज नेता और चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 20 जुलाई को पार्टी के विस्तारित कार्यसमिति की बैठक करेंगे और अपने कैडर को चुनाव समर में झोंकने का काम करेंगे. अगर इंडिया गठबंधन की बातें करें तो इसमें शामिल कोई भी दल अबतक चुनावी तैयारी से शुरू भी नहीं की है. हां, गठबंधन में सीट को लेकर तरह-तरह के दावे और प्रतिदावे किए जा रहे हैं. इसको लेकर तरह-तरह के लॉजिक भी दिए जा रहे हैं. झारखंड विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं, मगर गठबंधन दलों की ओर से कुल 113 सीटों पर दावेदारी हो रही है. अब यह पेंच कैसे और कब तक सुलझेगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
लोस में चली थी कांग्रेस की मनमर्जी
लोकसभा में सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस की ही चली थी, कांग्रेस ने एकतरफा अपने तय सीटों पर प्रत्याशी उतारना शुरू कर दिया था. मगर विधानसभा का सीन कुछ अलग ही रहेगा. विधानसभा में झामुमो ही लीड रोल और बड़े भाई की भूमिका में रहेगा. गत विधानसभा में भी झामुमो ही लीड रोल में रहा था. सीटों के बंटवारे में भी इस बार झामुमो की ही मनमर्जी चलेगी यह भी तय है.
किस दल की कितनी सीटों पर है दावेदारी
आम आदमी पार्टी पहले ही एकल चलो रे के तर्ज पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. अन्य वाम दल भी की मांग इतनी अधिक रहेगी कि उनकी मांगें पूरी करना संभव नहीं होगा. इसलिए झारखंड इंडिया गठबंधन में शामिल दल झामुमो, कांग्रेस, राजद और माले ही है. पिछली बार झामुमो 43 सीट पर चुनाव लड़ा था, मगर इस बार पार्टी का दावा 50 सीट है. कांग्रेस पिछली बार 31 सीट पर चुनाव लड़ी थी, इस बार इसका दावा 33 सीट पर है. वहीं राजद पिछली बार सात सीट चुनाव लड़ा था, इस बार उसकी दावेदारी 22 सीट पर है. माले पिछली बार गठबंधन का हिस्सा नहीं था. मगर इस बार माले इंडिया गठबंधन में शामिल है. माले आठ सीट पर दावेदारी कर रहा है.
अंतिम फैसला हेमंत, राहुल, तेजस्वी और दीपांकर ही करेंगे
विभिन्न दलों की चाहे कितने भी सीट पर दावेदारी हो, मगर सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव और माले के दीपांकर भट्टाचार्य ही लेंगे. अब यह देखना भी काफी अहम होगा कि कौन कितना पीछे जाता है, कौन अड़ता है. मगर इस बार सीटों का बंटवारा इंडिया गठबंधन में आसान नहीं होगायह भी तय है.
2019 में झामुमो, कांग्रेस और राजद इन सीटों पर लड़ा चुनाव
झामुमो : गुमला, सिसई, घाटशिला, गांडेय, बरहेट, दुमका, चाईबासा, चक्रधरपुर, मनोहरपुर, गिरिडीह, बोरिया, महेशपुर, टुन्डी, शिकारीपाड़ा, सरायकेला, सिल्ली, जामा, डुमरी, बहरागोड़ा, लिट्टीपाड़ा, बिशुनपुर, लातेहार, गढ़वा.
कांग्रेस : बरही, धनबाद, पाकुड़, बेरमो, जमशेदपुर दोनों, रामगढ़, मनिका, बोकारो, डालटनगंज, खिजरी, कांके, पांकी, विश्रामपुर, लोहरदगा.
राजद : देवघर, चतरा, छतरपुर, गोड्डा, हुसैनाबाद, कोडरमा, और बरकट्ठा
क्या कहते हैं विभिन्न दलों के नेता
लोकसभा चुनाव में क्यों और कैसे हुआ, यह सब जानते हैं. रही बात विधानसभा की तो इसमें शामिल सभी दलों को अपनी-अपनी जमीनी हकीकत पता है. बस इतना ही कहेंगे झामुमो विधानसभा में बड़े भाई की भूमिका में है और चुनाव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन सभी 81 सीटों लड़ेगा. इस बार हमारी दावेदारी 50 सीटों पर रहेगी. – सुप्रियो भट्टाचार्य, महासचिव झामुमो
निश्चित ही हम पिछली बार 31 सीटों पर चुनाव लड़े थे. मगर इस बार 33 की दावेदारी क्यों हो रही है, यह सभी दलों को पता है. प्रदीप यादव पिछली बार झाविमो से लड़े थे, इस बार वे कांग्रेस की ओर लड़ेंगे. मांडू के भाजपा विधायक कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, वे भी इस बार कांग्रेस की ओर लड़ेगे. हमारी पार्टी का दावा स्वाभाविक है. बाकी केंद्रीय नेतृत्व और हेमंत जी तय करेंगे. – राकेश सिन्हा, महासचिव कांग्रेस
पिछली बार हम 7 सीट पर लड़े थे, जिसमें चार सीट पर मामूली अंतर से हारे थे. एक सीट पर विजयी रहे. इस बार प्रदेश की ओर से 22 सीट और 22 प्रत्याशी चयन कर लिया गया है. प्रस्ताव भी तैयार है. इस प्रस्ताव को जल्द ही राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा. इसके बाद राष्ट्रीय नेता ही तय करेंगे हम एक सीट पर लड़ेंगे या 22 सीट पर. – संजय सिंह यादव, प्रदेश अध्यक्ष राजद
गठबंधन के तहत माले आठ सीट पर चुनाव लड़ेगा. इसकी तैयारी की जा रही है. अंतिम फैसला पार्टी के एवं गठबंधन के वरीय नेता बैठकर तय करेंगे. माले का मकसद है भाजपा का इस राज्य से सफाया. इसलिए माले गठबंधन को मजबूती करना चाहता है. – भुनेश्वर केवट, माले नेता
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