Vinit Abha Upadhyay/Saurav Singh
Ranchi : संथाल में बांग्लादेशी मूल के लोगों के घुसपैठ का मामला फिलहाल काफी गर्म है. एक तरफ हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ झारखंड में प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के लिए यह बड़ा मुद्दा बन चुका है. संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले को लेकर बीजेपी लगातार राज्य सरकार पर हमलावर है. वहीं राज्य सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि संथाल में घुसपैठ नहीं हुआ है. इस बीच यह जानकारी सामने आयी है कि संथाल के दो जिलों साहिबगंज और पाकुड़ में लगभग 250 से ज्यादा मदरसों का संचालन हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, पाकुड़ जिले में लगभग 100 सामान्य मदरसे संचालित हो रहे हैं. जबकि अराजकीय प्रस्वीकृत अनुदानित और स्थापना अनुमति गैर अनुदानित मदरसों की संख्या लगभग 80 से ज्यादा है. साहेबगंज जिले की बात करें तो यहां लगभग 60 मदरसे संचालित हो रहे हैं. साहेबगंज जिले के बरहरवा, राजमहल और उधवा में सबसे अधिक मदरसे हैं. वहीं पाकुड़ जिले के महेशपुर, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा और पाकुड़ प्रखंड में सबसे ज्यादा मदरसे संचालित हो रहे हैं.
जमशेदपुर के दानयल दानिश ने हाईकोर्ट में दायर की है जनहित याचिका
बता दें कि जमशेदपुर जिले के रहने वाले दानयल दानिश ने बांग्लादेशी मूल के लोगों द्वारा संथाल के इलाके में घुसपैठ का मामला उठाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि संथाल इलाके में आदिवासियों की संख्या घटी है और वहां की जमीन मुस्लिम धर्म के लोगों को गिफ्ट डीड के जरिए दी जा रही है. वहीं केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी बताया है कि संथाल इलाके में ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या में कई गुणा इजाफा हुआ है और आदिवासियों की आबादी 44 फीसदी से मात्र 28 फीसदी रह गयी है.