Saurav Singh
Ranchi: झारखंड में नक्सलवाद अंत के करीब पहुंच गया है. नक्सलियों के अधिकांश बड़े कमांडर मारे गये और गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं कई ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. झारखंड के गठन होने से अबतक यानि साल 2000 से 2025 तक पुलिस और नक्सलियों की लड़ाई में सबसे अधिक आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस और नक्सली की लड़ाई में 836 ग्रामीणों की मौत हुई. इसके अलावा 549 जवान शहीद हुए और 789 नक्सली मारे गए.
इसे भी पढ़ें –BREAKING : माइंस घोटाला – उषा मार्टिन के एमडी राजीव झंवर ने CBI कोर्ट में किया सरेंडर
साल 2000 से 2025 तक 836 आम लोग मारे गए
– 2000: 13
– 2001: 36
– 2002: 25
– 2003: 43
– 2004: 16
– 2005: 28
– 2006: 18
– 2007: 65
– 2008: 61
– 2009: 68
– 2010: 73
– 2011: 79
– 2012: 49
– 2013: 47
– 2014: 49
– 2015: 15
– 2016: 34
– 2017: 27
– 2018: 17
– 2019: 20
– 2020: 08
– 2021: 11
– 2022: 06
– 2023: 14
– 2024: 12
– 2025 (19 फरवरी): 02
– कुल: 836
7 जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में अब भी है नक्सलियों का प्रभाव
– पलामू: मोहम्मदगंज, हरिहरगंज, पांकी.
– चतरा: लावालौंग.
– लातेहार: चंदवा, नेतरहाट.
– लोहरदगा: कैरो, जोबांग.
– हजारीबाग: कटकमसांडी, केरेडारी.
– गिरिडीह: डुमरी, पीरटांड़.
– चाईबासा: टोंटो, छोटानागरा, जाराईकेला, गोईलकेरा, टेबो, कराईकेला.
इसे भी पढ़ें – Breaking : NRHM घोटाला मामले में धनबाद के प्रमोद सिंह को ईडी ने किया गिरफ्तार