NewDelhi : म्यांमार में आये भूकंप (रिक्टर स्केल 7.7) ने भारी तबाही मचा दी है. मृतकों का आंकड़ा 2000 को पार कर गया है. मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. 3900 से ज्यादा लोग घायल बताये गये हैं. लगभग 150 लोग लापता हैं.
चार दिन से लगातार जारी राहत-बचाव अभियान के बावजूद हजारों लोगों के मलबे में फंसे होने की सूचना है हैं. पूरी दुनिया के हाथ म्यांमार की मदद को आगे आये हैं.
भूकंप की भयावहता के बारे में बात करें तो खबर है कि लगभह हो गये हैं. अस्पतालों में जगह कम पड़ रही है. सड़कों पर अस्थाई इंतजाम कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार की तरफ सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया. शनिवार देर रात तक पांच सैन्य विमानों से राहत सामग्री, बचाव दल व चिकित्सा उपकरण भेजे जा चुके हैं. सैन्य विमानों ने नेपीता अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर महत्वपूर्ण आपूर्ति व उपकरणों को उतारे.
उसके बाद भारतीय टीम वहां एक बंदरगाह क्षेत्र में स्थानांतरित हो गयी रविवार सुबह एक अधिकारी व एक जूनियर कमीशन अधिकारी का टोही दल को वर्तमान बेस से 160 मील उत्तर मांडले पहुंचा. मांडले भारत के राहत अभियान का केंद्र है.
चीन ने म्यांमार की मदद के लिए 82 बचावकर्मियों की एक टीम शनिवार को भेजी. बीजिंग ने रविवार को कहा कि उसकी 118 सदस्यीय टीम राहत-बचाव कार्यों में लगी है. एक टीम यांगोन भेजी गयी है. चीन की सरकार ने म्यांमार को 10 करोड़ युआन की आपात मानवीय मदद भेजने की घोषणा की है.
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