अवैध रूप से किया गया जमीन का म्यूटेशन
खतियानी रैयत प्रदीप कुमार मित्रा के अनुसार, नामकुम अंचल के तेतरी मौजा के खाता नंबर 1, प्लॉट नंबर 348, भूमि जिसका कुल रकबा 2.96 एकड़ है. जमीन का म्यूटेशन करने के पूर्व तत्कालीन अंचल अधिकारी नामकुम ने बिना भूमि के वैध दस्तावेज (रजिस्ट्री डीड) के ही दाखिल खारिज गोवर्धन सिंह के नाम पर कर दी. तत्कालीन अंचल अधिकारी ने विविध वाद संख्या 07 आर/8/2013-14 में फटी हुई पंजी टू के आधार पर खतियानी रैयत को भूमि से बेदखल कर दिया. इसे भी पढ़ें-पूर्व">https://lagatar.in/cm-paid-tribute-to-former-dsp-bernad-kichingia-said-kichingia-used-to-understand-the-sentiments-of-the-public/">पूर्वडीएसपी बर्नाड किचिंगिया को सीएम ने दी श्रद्धांजलि, बोले- जनमानस की भावनाओं को समझते थे किचिंगिया
विविध वाद की दो तरीखों में मित्रा परिवार की भूमि कर दी गोवर्धन सिंह के नाम
उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार, प्रदीप कुमार मित्रा ने तेतरी मौजा के अपनी खतियानी भूमि का किये गये अवैध म्यूटेशन की नकल के लिये नामकुम अंचल में आवेदन दिया है. 10 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी मित्रा परिवार को नकल उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. वहीं तत्कालीन अंचल अधिकारी नामकुम ने दो ही तरीखों में खतियानी रैयत को उसकी भूमि से बेदखल कर दिया.सीओ ने विविध वाद में क्या लिखा
तेतरी मौजा के 2.96 एकड़ भूमि के म्यूटेशन के लिए 23 सितंबर 2013 को देवव्रत सिंह पिता अभिमन्यु सिंह ग्राम तेतरी के द्वारा आवेदन दिया गया. जिसे अंचल कार्यलाय ने तत्परता के साथ विविध वाद 07 आर/8/2013-14 शुरू किया गया. आवेदन में मौजा तेतरी का खाता संख्या 1 , प्लॉट नंबर 348, रकबा 2.96 एकड़ भूमि का लगान रसीद निर्मित करने का अनुरोध किया था. इसके उपरांत तत्कालीन अंचल अधिकारी नामकुम कर्मचारी एवं अंचल निरीक्षक को विस्तृत जांच प्रतिवेदन की मांग की. अंचल के अमीन से भी दखल के संबंधित प्रतिवेदन मांगा गया. इस वाद की दूसरी तारीख 9 अक्टूबर 2013 को रखी गई.अक्टूबर 2013 को तत्कालीन अंचल अधिकारी नामकुम ने किया निष्पादन
उपल्बध दस्तावेज के अनुसार, अंचल कार्यालय नामकुम के हल्का कर्मचारी एवं अंचल निरीक्षक ने मामले में तत्परता के साथ अपना प्रतिवेदन अंचल कार्यालय को सौंपा. जिसमें कहा गया कि आरएस खतियान में लगान पाने वाले सुरेश चंद्र मिलर का नाम दर्ज है. जमीन को आवेदक के दादा गोवर्धन सिंह पिता के नाम पर तेतरी मौजा की उक्त भूमि का सादा हुकुमनामा द्वारा 2038 में प्राप्त किया गया था. हुकुमनामा की प्रति, जमीदारी रसीद तथा अंचल कार्यालय नामकुम के तत्कालिन हल्का कर्मचारी द्वारा निर्गत लगाम रसीद की छाया प्रति की जांच की गई. हल्का कर्मचारी एवं अंचल निरीक्षक द्वारा उनके दावे की पुष्टि की गयी. इसे भी पढ़ें-शाम">https://lagatar.in/evening-news-diary-26-march-three-terrorists-of-tpc-killed-800-medicines-costlier-from-1st-april-international-flights-will-resume-from-sunday-irctc-is-giving-a-chance-to-visit-kashmir-apart-fr/">शामकी न्यूज डायरी।। 26 मार्च ।।टीपीसी के तीन उग्रवादी ढेर ।। पहली अप्रैल से 800 दवाइयां महंगी।। रविवार से फिर शुरू होंगी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ।। IRCTC दे रहा है कश्मीर घूमने का मौका ।। इसके अलावा कई खबरें और वीडियो।। जांच प्रतिवेदन में आवेदन का दखल उल्लेख किया गया. अंचल अमीन ने भी जांच प्रतिवेदन में आवेदक के दखल की पुष्टि की.. स्थानीय जांच के दौरान किसी प्रकार की आपत्ति प्राप्त नहीं किया गया. हल्का कर्मचारी एवं अंचल निरीक्षक द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में इस बात का उल्लेख किया है कि पंजी टू फट गयी है. इसके बाद तत्कालीन अंचल अधिकारी नामकुम के आदेश पर नया पंजी टू खोला गया और लगान निर्गत करने की अनुशंसा की गई. इसके उपरांत 10 अक्टूबर 2013 को लगान रसीद निर्गत कर दिया गया. [wpse_comments_template]

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