Ranchi : पाकुड़ में पुलिस और छात्रों के बीच हिंसक झड़प को लेकर राष्ट्रीय एसटी-एससी ने आयोग ने संज्ञान लिया है. इसे लेकर आयोग ने रविवार को झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी, पाकुड़ डीसी और एसपी को नोटिस भेजा है. भेजे नोटिस में कहा गया है कि समाचार पत्रों में प्रकाशित एक समाचार में लिखा गया है कि झारखंड में पुलिस के साथ झड़प में 11 आदिवासी छात्र घायल. आयोग ने इसके तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुसरण में मामले की जांच करने का निर्णय लिया है. भारत के संविधान का अनुच्छेद 338A. आपसे अनुरोध है कि उक्त आरोपों और मामलों पर की गई कार्रवाई के तथ्य और जानकारी इस नोटिस की प्राप्ति के तीन दिन के भीतर प्रस्तुत करें. ध्यान दें कि यदि आयोग को निर्धारित समय के भीतर आपसे उत्तर नहीं मिलता है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338ए के तहत प्रदत्त सिविल न्यायालयों की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और आपकी व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए समन जारी कर सकता है.
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क्या है मामला
आपको बता दें कि 27 जुलाई को आदिवासी छात्र संगठनों ने आक्रोश रैली निकालने का एलान किया था. उनका कहना था कि महेशपुर थाना क्षेत्र के गायबथान में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आदिवासियों की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया है. इसका विरोध करने पर आदिवासी परिवारों के साथ मारपीट भी की गई. जिसके विरोध में आदिवासी छात्र संगठन आक्रोश रैली निकालने वाले थे. लेकिन देर रात बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और जवान केकेएम कॉलेज के आदिवासी छात्रावास पहुंच गए. इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई.
छात्रों ने लगाया है पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप
छात्रों का आरोप है कि पुलिस आक्रोश रैली रोकने के लिए दबाव बना रही थी. मना करने पर उनके साथ मारपीट की गई. इसमें करीब 12 छात्र घायल हो गए. वहीं पुलिस का कहना है कि पहले कुछ छात्रों ने पुलिस के साथ मारपीट शुरू की. जिसमें एक सब इंस्पेक्टर, ड्राइवर और एक कांस्टेबल घायल हो गए. जिसके बाद कॉलेज में अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा. इस दौरान आक्रोशित छात्रों पर बल प्रयोग करना पड़ा.
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