नेतन्याहू की तीखी टिप्पणी के बाद, फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने तुरंत सफाई देते हुए कहा कि फ्रांस इजरायल का सच्चा दोस्त है और उसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
Tel Aviv : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच ठन गयी है. मामला गाजा और लेबनान में इजरायली हमले का है. जान लें कि इमैनुएल मैक्रां ने गाजा में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की बिक्री रोक देने की बात कही थी. मैक्रां के इस बयान पर इजरायल भड़क गया. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस को जवाब देते हुए कहा कि इजरायल उनके समर्थन के साथ या उसके बिना भी जीतेगा. कहा कि उनका (इमैनुएल मैक्रां) हथियार प्रतिबंध का आह्वान करना अपमानजनक है उन्हें शर्म आनी चाहिए.
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— Benjamin Netanyahu – בנימין נתניהו (@netanyahu) October 5, 2024
इजरायल ईरान के नेतृत्व वाली हिलबुल्ला जैसी बर्बरता की ताकतों से लड़ रहा है
जान लें कि नेतन्याहू ने मैक्रां के साथ-सात अन्य पश्चिमी नेताओं पर भी हल्ला बोला. वीडियो संदेश जारी कर कहा कि इजरायल उनके समर्थन के साथ या उसके बिना भी जीतेगा. कहा कि उनका हथियार प्रतिबंध का आह्वान करना अपमानजनक था. नेतन्याहू ने कहा, इजरायल ईरान के नेतृत्व वाली हिलबुल्ला जैसी बर्बरता की ताकतों से लड़ रहा है. सभ्य देशों को इजरायल के पक्ष में मजबूती से खड़ा होना चाहिए. फिर भी, राष्ट्रपति मैक्रां और अन्य पश्चिमी देश इजरायल के खिलाफ हथियार प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं. उन्हें शर्म आनी चाहिए.
उन्होंने पूछा कि क्या ईरान हिजबुल्ला, हूथी, हमास और उसके अन्य प्रतिनिधियों पर हथियार प्रतिबंध लगा रहा है? ये तीनों समूह तेहरान द्वारा समर्थित हैं. वे इजरायल पर लगातार हमले कर रहे हैं. कहा कि आतंक की यह धुरी एक साथ खड़ी है। लेकिन जो देश कथित तौर पर इस आतंकी धुरी का विरोध करते हैं, वे इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हैं यह कितना अपमानजनक है.
लेबनानी लोगों को बलिदान नहीं दिया जाना चाहिए
जान लें कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने फ्रांस इंटर रेडियो से बात करते हुए कहा था कि मुझे लगता है कि आज प्राथमिकता एक राजनीतिक समाधान पर वापस आना है और कि गाजा में लड़ने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले हथियारों को रोक दिया जाये. हमारी प्राथमिकता तनाव बढ़ने से रोकना है लेबनानी लोगों को बलिदान नहीं दिया जाना चाहिए. लेबनान दूसरा गाजा नहीं बन सकता.
नेतन्याहू की तीखी टिप्पणी के बाद, फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने तुरंत सफाई देते हुए कहा कि फ्रांस इजरायल का सच्चा दोस्त है और उसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. मैक्रों ने इजरायल की सुरक्षा के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि फ्रांस ईरान या उसके किसी सहयोगी को इजरायल पर हमला करने की अनुमति नहीं देगा.