Ranchi: झारखंड हाइकोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में सुनवाई के दौरान एनआइए द्वारा चार्जशीट में बनाये गये आरोपियों महेश अग्रवाल, सोनू अग्रवाल और विनीत अग्रवाल के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर 26 नवंबर तक रोक लगा दी है. मंगलवार को लगभग 5 घंटे से ज्यादा इस मामले में अदालत ने सुनवाई की. इस दौरान एनआइए ने अदालत में अपनी दलीलें पेश करते हुए कहा कि टेरर फंडिंग केस से जुड़े आरोपियों महेश अग्रवाल, सोनू अग्रवाल, विनीत अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ रांची एनआइए की विशेष अदालत द्वारा लिया गया संज्ञान सही है.
एनआइए के पास इन आरोपियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य मौजूद हैं.वहीं एनआइए के वकील ने कोर्ट को बताया कि महेश अग्रवाल, सोनू अग्रवाल और विनीत अग्रवाल के खिलाफ एनआइए ने डायरेक्ट एविडेंस और पर्याप्त साक्ष्य इकट्ठा किया है. साथ ही एनआइए के पास डॉक्यूमेंट्री और ओरल साक्ष्य भी हैं. इस मामले की सुनवाई हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच में हुई.
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6 घंटे तक चली बहस
लगभग 6 घंटे तक चली बहस के दौरान एनआइए के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एनआइए द्वारा चार्जशीट में जितनी भी बातें कही गयी हैं वो सही हैं. इसके अलावा महेश अग्रवाल, सोनू अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ जो आरोप हैं, वो काफी गंभीर हैं.
यहां बता दें कि इस मामले में बचाव पक्ष अदालत के समक्ष पहले ही अपनी दलील पूरी कर चुका है. अब एनआइए केस से जुडी दलीलें और तथ्य अदालत के सामने पेश कर रहा है. मगध आम्रपाली प्रोजेक्ट में लोडिंग और खनन के लिए कार्य कर रही कंपनियों पर नक्सली संगठनों को आर्थिक मदद पहुंचाने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए कर रही है. वहीं रांची एनआइए की विशेष अदालत की ओर से लिये गये संज्ञान को चुनौती देते हुए टेरर फंडिग के आरोपियों ने हाइकोर्ट में क्वैशिंग याचिका दाखिल की है.
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