वित्त मंत्री ने मजरुह सुल्तानपुरी को पंडित नेहरू के खिलाफ कविता लिखने के लिए गिरफ्तार करने और बलराज साहनी को गिरफ्तार किये जाने को याद दिलाते हुए कांग्रेस पर हल्ला बोला.
NewDelhi : राज्यसभा में आज सोमवार को संविधान पर चर्चा की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. उन्होंने लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा कि यह जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, वह गौरव की बात है. हालांकि वित्त मंत्री ने शुरुआत से ही कांग्रेस को घेरना चालू कर दिया. वित्त मंत्री ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में संशोधन कर सेक्यूलर और सोशलिस्ट शब्द जोड़ दिये गये.
#WATCH | Constitution Debate | In Rajya Sabha, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, “…Majrooh Sultanpuri and Balraj Sahni were both jailed in 1949. During one of the meetings organized for the mill workers in 1949, Majrooh Sultanpuri recited a poem that was written… pic.twitter.com/jwqZaAJwl5
— ANI (@ANI) December 16, 2024
#WATCH | Constitution Debate | In Rajya Sabha, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, “…I will have to demand a return apology from Jairam Ramesh for accusing me of lying, which I never do. But accusing me of lying is now clearly in the blood of the Congress. When I… pic.twitter.com/BA2adO2wNX
— ANI (@ANI) December 16, 2024
#WATCH | Constitution Debate | In Rajya Sabha, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, “…I know of political leaders who have chosen to have the children named after MISA to remember those black days and now they wouldn’t even mind having an alliance with them…” pic.twitter.com/daNDLXr4Jv
— ANI (@ANI) December 16, 2024
कांग्रेस ने 1951 में संशोधन कर अभिव्यक्ति की आजादी पर कैंची चलाई
पूरे विपक्ष को जेल में डालकर यह किया गया. कहा कि लोकसभा में उनके कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया था. राज्यसभा में तो विपक्ष था ही नहीं. निर्मला सीतारमण ने मीसा के तहत विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी को लेकर भी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पहली अंतरिम सरकार के समय से ही संविधान के प्रावधानों पर कैंची चलाने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने 1951 में संशोधन कर अभिव्यक्ति की आजादी पर कैंची चलाई. वित्त मंत्री ने मजरुह सुल्तानपुरी को पंडित नेहरू के खिलाफ कविता लिखने के लिए गिरफ्तार करने और बलराज साहनी को गिरफ्तार किये जाने को याद दिलाते हुए कांग्रेस पर हल्ला बोला. वित्त मंत्री ने पिछले 75 साल की यात्रा का जिक्र करते हुए संविधान को लेकर कांगेस को घेरा.
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती
वित्त मंत्री ने कहा कि 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में राजनारायण का केस पेंडिंग था. इसके बावजूद कांग्रेस ने 39वें संशोधन के जरिये यह प्रावधान जोड़ दिया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती. इसके लिए ही किस्सा कुर्सी का बैन कर दिया गया. वित्त मंत्री ने शाहबानो केस को याद किया. कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिला को न्याय दिलाने के लिए आदेश दिया था. उसके खिलाफ कांग्रेस ने कानून बना दिया. जिस वजह से वह महिला न्याय पाने से वंचित हो गयी.
संसद के विस्तारित कार्यकाल में विपक्ष के सदस्यों को जेल में डाला गया
वित्त मंत्री मंत्री निर्मला सीतारमण ने 42वें संविधान संशोधन को लेकर कहा कि संसद के विस्तारित कार्यकाल में विपक्ष के सदस्यों को जेल में डाला गया. हालांकि बाद में 1978 में मोरारजी देसाई की सरकार ने 42वें संशोधन के प्रावधान हटाने के लिए 44वां संशोधन लायी. इस पर जयराम रमेश ने कहा कि खुद इंदिरा गांधी ने भी इसके समर्थन में वोट किया था. इस पर नेता सदन भाजपा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि जब बिल आया तब जनता ने इंदिरा गांधी को हरा दिया था. तब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे.
बाबा साहब ने कहा था, पंडित नेहरू दलितों के कल्याण को लेकर गंभीर नहीं हैं
वित्त मंत्री ने कहा, बाबा साहब ने कहा था कि पंडित नेहरू दलितों के कल्याण को लेकर गंभीर नहीं हैं. कांग्रेस यह दावा नहीं कर सकत कि वह दलित हितैषी है. आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबा साहब की तस्वीर तक सेंट्रल हॉल में नहीं लगने दी. भारत रत्न देने से भी मना किया. ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया गया. वित्त मंत्री ने कहा, अटल बिहारी वाजपेयी ने जीएसटी की बात की थी. लेकिन अपने 10 साल के कार्यकाल के दौरान जीएसटी को लेकर यूपीए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. हमने सत्ता में आने के बाद दो साल के भीतर इसे लागू किया.
वित्त मंत्री ने कहा , झूठ बोलना कांग्रेस की परंपरा है.
जीएसटी पर वित्त मंत्री के बयान जयराम रमेश ने गलत करार दिया. उन्होंने गुजरात की तत्कालीन सरकार के विरोध का जिक्र किया. इसके बाद वित्त मंत्री ने जवाब दिया. महाराष्ट्र में यूपीए की सरकार की आपत्ति का जिक्र करते हुए कहा, जयराम रमेश उस समय संशोधन लाना चाहते थे लेकिन उन्हें मनमोहन सिंह ने उन्हें रोक दिया था. वित्त मंत्री ने कहा कि झूठ बोलना कांग्रेस की परंपरा है. वित्त मंत्री ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण के समय इंदिरा गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वह जो भी बातें बोली थीं, उनमें से एक भी लक्ष्य अचीव नहीं किया जा सका था. जनधन खाते, पीएम मुद्रा ये सब मोदी सरकार में लागू हुए. एक पूर्व प्रधानमंत्री)राजीव गांधी ने कहा था कि हम यहां से एक रुपया भेजते हैं और 15 पैसे पहुंच पाते हैं. लेकिन हमारी सरकार में तकनीकी का उपयोग कर डीबीटी के जरिये हम एक रुपया भेजता हैं और एक रुपये ही पहुंचता है.