Ranchi: झारखंड हाइकोर्ट से गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे को बड़ी राहत मिली है. कथित तौर पर फर्जी डिग्री के मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने उनके खिलाफ किसी भी तरह की पीड़ित कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है.
निशिकांत दुबे के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय के मुताबिक, अदालत ने इस मामले के प्रार्थी विष्णु कांत झा को नोटिस जारी किया है. अब प्रार्थी को यह बताना होगा कि उन्होंने किस आधार पर सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री को फर्जी बताते हुए याचिका दायर की है.
हाइकोर्ट के जस्टिस आनंदा सेन की अदालत में यह आदेश दिया है.अदालत के इस आदेश के बाद अब निशिकांत दुबे की मुश्किलें थोड़ी कम होती दिख रही हैं. क्योंकि अब पुलिस इस मामले में उनके खिलाफ किसी भी तरह की पीड़क कार्यवाही नहीं कर सकती है.
वहीं निशिकांत दुबे की ओर से देवघर में जमीन खरीदने के मामले पर भी सुनवाई हुई. देवघर स्थित एलोकेसी धाम की जमीन खरीद मामले में निशिकांत दुबे की ओर से दायर याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. वहीं इस मामले की सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी.
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देवघर थाने में हुआ था मामला दर्ज
यहां बता दें कि देवघर के नगर थाने में निशिकांत दुबे के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. शिकायतकर्ता विष्णुकांत झा ने आवेदन देकर सांसद निशिकांत के फर्जी डिग्री होने की शिकायत की थी. जिसके बाद यह मामला दर्ज किया गया. मामला दर्ज होने की पुष्टि देवघर नगर थाना के प्रभारी ने की थी. शिकायतकर्ता श्री झा ने आवेदन में कहा है कि 28 जुलाई को झारखंड मुक्ति मोर्चा के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट हुआ. जिसमें निशिकांत दुबे पर दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री लेने संबंधी बातों का उल्लेख है.
जेएमएम की तरफ से कहा गया है कि उनकी डिग्री फर्जी है. जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय ने पुख्ता किया है. आगे लिखा गया है कि सांसद निशिकांत दुबे अपनी चुनावी सभाओं में अपने आपको दिल्ली विश्वविद्यालय से पासआउट बताते हैं.और लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि उनकी बड़ी-बड़ी कंपनियों में पैठ है. वो लोगों को रोजगार दिला सकते हैं. ऐसा कहना एक भ्रामक चुनावी घोषणा है. जिससे जनता ठगी जाती है.
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