LagatarDesk: छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों में मर्ज करने के बाद अब मोदी सरकार बैंकों के निजीकरण की तैयारी में है. देश में फिलहाल 12 सरकारी बैंक हैं. खबर ये भी आ रही है कि छोटे बैंकों का निजीकरण करके सरकार की योजना आनेवाले दिनों में केवल 5 सरकारी बैंक रखने की है.
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12 सरकारी बैंकों में 7 बैकों का निजीकरण
सूत्रों के अनुसार सरकार पहले फेज में बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिंध बैंक का निजीकरण कर सकती है. पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, केनरा बैंक, यूनियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा अभी टॉप बैंक की श्रेणी में है. अनुमान है कि सरकार इन्हीं 5 बैंकों को रखकर बाकि 7 बैंकों का निजीकरण कर सकती हैं.
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चालू वित्तीय वर्ष में Gross NPA में बढ़ोतरी
सूत्रों के मुताबिक निजीकरण प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. सरकार को बैंकों के निजीकरण से पैसा मिलेगा. सरकार Non Core Assets और Non Core Companies को भी बेचने की योजना बना रही है. पिछले साल सरकार ने 10 बैंकों का 4 बड़े बैंकों में विलय किया था. सितंबर 2019 में सरकारी बैंकों का Gross Non Performing Assets 12.7% था जो 2020 में बढ़कर 13.2% हो गया.
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