Ranchi : झारखंड में इंजीनियर मलाईदार कुर्सी हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, यह कई मामलों में साबित हो चुका है. अब ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक इंजीनियर रिटायर होने के बाद भी सरकारी कुर्सी नहीं छोड़ रहा है. इतना ही नहीं उस कुर्सी को फिर से पाने के लिए लॉबिंग भी शुरू कर चुका है. यही नहीं उक्त रिटायर इंजीनियर को कुर्सी पर बैठाने के लिए क्षेत्र के दो माननीयों ने सरकार से इसके लिए अनुशंसा भी की है. हालांकि सरकार के स्तर पर अभी कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है.
असेंबली ऑफ ह्यूमन राइट्स एंड जस्टिस नामक संस्था ने इस मामले की शिकायत जल संसाधन सचिव प्रशांत सिंह से की है. संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में झालको कार्यालय में लूट-खसोट का सिलसिला जारी है. नियम कानून की अनदेखी कर झालको के क्षेत्रीय प्रबंधक के प्रभार में रहे इंजीनियर नवीन कुमार वर्मा रिटायरमेंट के बाद भी कुर्सी पर जमे हुए हैं. इतना ही नहीं, 30 नवंबर को रिटायर होने के बाद उन्होंने झालको के क्षेत्रीय प्रबंधक की कुर्सी पर कब्जा कर लिया. वर्मा पर आरोप है कि वह ठेकेदारों को बैक डेट से चेक भी काट रहे हैं.
इसके पूर्व भी वर्षों तक एक रिटायर्ड कनीय अभियंता राजेंद्र प्रसाद राय झालको के क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर काबिज रहे थे. इस दौरान झालको में जमकर वित्तीय अनियमितता, टेबल टेंडर सहित कई गड़बड़ियां सामने आयी थीं. तत्कालीन सांसद मधु कोड़ा की सांसद निधि से बिना काम कराये ही राशि की निकासी कर ली गयी थी. इस संबंध में एक मामला लोकायुक्त के यहां लंबित भी है. उस समय क्षेत्रीय प्रबंधक ने बिना काम कराये ठेकादारों को लाखों रुपये एडवांस के रूप में दे दिया था. इसकी जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन की पहल पर संवेदकों से पैसा वसूला गया था. एक बार फिर वही स्थिति बन रही है.
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सरकार का आदेश दरकिनार, वर्मा नहीं छोड़ रहे प्रभार
सरकार का आदेश आया था कि लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता ही झालको के प्रभार में रहेंगे. चाईबासा में लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता का पद खाली था. जिससे चक्रधरपुर के जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियान नवीन कुमार वर्मा चाईबासा के लघु सिंचाई विभाग के प्रभारी कार्यपालक अभियंता बने और उन्हें झालको का प्रभार भी मिला. नवंबर 2020 में चाईबासा लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता के पद पर जेपी सिंह को पदस्थापित किया गया.
मगर योगदान देने के बाद भी सिंह को झालको का प्रभार लेने नहीं दिया गया. नवीन कुमार वर्मा ही झालको के क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर बने रहे और रिटायरमेंट के बाद भी कुर्सी पर जमे हुए हैं.
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