Koderma: मंडल कारा कोडरमा में रविवार को जेल अदालत और विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन हुआ. इसमें मुख्य न्यायालय दण्डाधिकारी (सीसीएम) वैशाली श्रीवास्तव शामिल हुईं. सीसीएम ने कहा कि कोई भी बंदी जेल में आकर अपने आप को अपराधी नहीं समझें. अपने किये गये गलत कार्यों पर मंथन करें, ताकि भविष्य बेहतर हो. कहा कि बंदी यहां से निकलकर समाज के लिए प्रेरक बनें, ताकि लोग उनसे कुछ सीख सकें.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा के सचिव अभिषेक प्रसाद ने कहा कि बंदियों को उनके अधिकारों के अनुरूप सुविधाएं मुहैया कराने के प्रति प्राधिकार प्रतिबद्ध है. ऐसी सोच होनी चाहिए कि बंदी यहां से निकलकर अपराध मुक्त जीवन व्यतीत कर सकें और समाज के लिए उदाहरण बनें. न्यायाधीश प्रभारी प्रशांत कुमार वर्मा ने प्ली बारगेनिंग के तहत दोष स्वीकार कर अपनी सजा कम कराने की अपील की. वहीं न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी शिवांगी प्रिया ने बंदियों के कई अधिकारो एवं अन्य कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी.
कायर्क्रम को प्राधिकार के रिटेनर सह रिमांड सह जेल विजिटिंग अधिवक्ता सुमन जायसवाल ने संबोधित किया. इस अवसर पर जेल अदालत का भी आयोजन किया गया. जिसमें तीन वादों का निष्पादन करते हुए तीन बंदियों को कारा मुक्त किया गया. मौके पर प्रभारी कारापाल अभिषेक कुमार सिंह, जेलकर्मी राजीव रंजन, मो0 मैनुद्दीन अंसारी, पवन कुमार, पंकज कुमार, धमेंद्र कुमार गुप्ता, न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह, राज कुमार राउत, संतोष कुमार सिंह, महेन्द्र नारायण, दीपक कुमार, रविन्द्र कुमार, अजीत कुमार और रवि कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.
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