Manoj Choubey
Pakur : पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा प्रखंड स्थित बड़ाबासको गांव आज भी निम्नतम मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है. गांव में पहाड़िया जनजाति के लोग रहते हैं. गांव में कुल 107 घर हैं. गांव में पीने की पानी की उचित व्यवस्था नहीं. गांव तक आज तलक कोई सड़क नहीं पहुंची. आज़ादी के 75 साल बाद भी एक कच्ची पगडंडी ही गांव पहुंचने का इकलौता रास्ता है.
एक साल बाद भी नहीं हुई पहल
ग्रामीणों ने क साल पहले ही पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष शिवचरण मालतो की अगुवाई में उपायुक्त बरुन रंजन से मिलकर बड़ाबासको गांव में मुलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का आवेदन दिया था. उपायुक्त ने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए संबंधित विभाग को मौखिक आदेश भी दिया. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी पानी और सड़क की टकटकी लगाए बैठा है. पहाड़िया जनजाति का ये गांव ठगा महसूस कर रहा है.
जनप्रतिनिधियों ने भी किया निराश
ग्रामीण ने कई बार विधायक, सांसद, मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को लिखित आवेदन दिया. लेकिन उनसभी ने भी बड़ाबासको गांव को निराश किया. गांव के प्रधान भावना पहाड़िया, ग्रामीण विजय पहाड़िया, कालू पहाड़िया, सीताराम पहाड़िया, जितेंद्र पहाड़िया, दिलीप पहाड़िया और नोरे पहाड़िया ने कहा कि आज़ादी के अमृतकाल में भी बड़ाबासको गांव व्यवस्था की उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.
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