Dhanbad: सिंदरी विधानसभा क्षेत्र के बलियापुर प्रखंड स्थित करमाटांड़ के आदिवासी टोला में 56 परिवार रहते हैं. यहां की कुल आबादी 886 है. इस गांव से स्वास्थ्य केंद्र की दूरी तीन किमी है. वहीं सीएचसी की दूरी 12 किमी है. यहां के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधा के लिए परेशान दिखते हैं, जिसका फायदा झोलाछाप डॉक्टर उठाते हैं. सर्दी,खांसी, बुखार जैसी समस्या के लिए ग्रामीण छोलाछाप डॉक्टर या मेडिकल शॉप से दवा लेकर खाने को विवश रहते हैं. जिसकी कीमत यहां के 8 लोगों को अपनी जान देकर चुकी पड़ी है. इस गांव में विगत एक महीने में आठ लोगों की मौत हो गई है. उनमें कोरोना से मिलते जुलते लक्षण देखे गए थे, लेकिन कोरोना टेस्ट नहीं कराये जाने के कारण सरकारी आंकड़े में इनकी मौत दर्ज नहीं हो सकी.
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इनकी हुई मौत
- लखीराम सोरेन (70 वर्ष)
- रामेश्वर टुडू (80 वर्ष)
- बासु कुम्हार (65 वर्ष)
- दासु कुम्हार (62 वर्ष)
- लक्ष्मण रवानी (60 वर्ष)
- सूरज मणि देवी (64 वर्ष)
- सुकुमणी देवी (68 वर्ष)
- सहदेव रवानी (82 वर्ष)
गांव के 40 लोग हैं बीमार
करमाटांड के आदिवासी टोला में कुल 40 लोग बीमार हैं. ज्यादातर लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार और बदन दर्द की शिकायत है. 30 मरीज प्राइवेट क्लीनिक में इलाज करा रहे हैं वहीं महज 10 बीमार सरकारी अस्पताल तक पहुंचे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि प्राइवेट क्लीनिक में इलाज कराने पर औसतन दो हजार रुपये का खर्च आ रहा है.