Ranchi : वनवासी कल्याण केंद्र बरियातू के सभागार में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक व छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री गणेश राम भगत की अध्यक्षता में विशेष बैठक की गई. जिसमें धर्म परिवर्तन किए हुए व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से डीलिस्टिंग करने एवं अन्य सामाजिक विषयों पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि आज हम सब अपना धान रोपनी का काम छोड़ कर एक जगह जमा हुए हैं. क्योंकि हम सब जनजाति समाज के सूत्रधार हैं. जनजाति शब्द बहुत ही सरल है. परंतु इतने सालों से जनजाति के बीच रहने के बाद भी पूरी तरह से समझ नहीं पाया हूं. जैसे कि समुद्र में कोई गोता लगा नहीं सकता, ऐसा ही जनजाति समाज है. जब भी मैं झारखंड आता हूं तो कुछ ना कुछ सीख कर ही जाता हूं.
जो धर्म परिवर्तन कर लिये हैं, वे आदिवासी हो ही नहीं सकते
पूरे देश में स्व कार्तिक उरांव के अधूरे कार्य को जनजाति सुरक्षा मंच ने पूरा करने का संकल्प लिया है. जो धर्म परिवर्तन कर लिये हैं वह आदिवासी हो ही नहीं सकता. आज जनजाति का आरक्षण का लाभ 80 प्रतिशत धर्म परिवर्तन किए हुए लोग ले रहे हैं. पूर्वजों ने जो व्यवस्था हमें दी है, उसे बचाने के लिए हम सबों को कई पीढ़ी पीछे जाना होगा. और पीछे जाने से पूर्वजों की हमें शक्ति प्राप्त होगी. सिमडेगा और गुमला में धर्मांतरण व्यक्तियों की संख्या 90 से 95 प्रतिशत हो गई है. शुद्ध जनजाति की संख्या मात्र 5 से 10 परसेंट तक बची हुई है. इन जनजातियों को बाहर से लोग सपोर्ट कर रहे हैं.
डीलिस्टिंग करने हेतु रैली की जाएगी
कार्यकर्ताओं को संबोधित उन्होंने कहा कि जनजाति सुरक्षा मंच के सभी कार्यकर्ताओं को अपने समाज एवं धर्म की रक्षा हेतु आगे आना होगा. धर्म परिवर्तन किए हुए व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से डीलिस्टिंग करना ही होगा. इसके लिए सभी कमर कस लें. बरसात के बाद रांची में धर्म परिवर्तन किए हुए व्यक्तियों को डीलिस्टिंग करने हेतु रैली की जाएगी.
बैठक में ये थे मौजूद
बैठक में अर्जुन राम, तुलसी प्रसाद गुप्ता, सुशील मरांडी, लाला उरांव, बुधु भगत, परगना मरांडी, सनी टोप्पो, लक्ष्मी बाड़ा, कृष्णा भगत, अंजली लकड़ा, हरिश्चंद्र सांडिल, पिंकी खोया, देवकी मुंडा, देवनंदन सिंह, तथा मंच पर मेघा उराव, संदीप उरांव, डॉ राजकिशोर हांसदा, नकुल तिर्की उपस्थित थे. बैठक का संचालन प्रदीप लकड़ा एवं धन्यवाद ज्ञापन आरती कुजूर ने किया.
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