LagatarDesk: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी में कीमत ने एक नया रिकार्ड बनाया है. मंगलवार को सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गयी. इससे पहले भी सोमवार को तेल कंपनी मे दोनों ईधनों की कीमत में 25 पैसे प्रति लीटर बढ़ोत्तरी की थी.
इसे भी पढ़े:बेरमो : कॉमर्शिलय और मालवाहक गाड़ी मालिक लॉकडाउन अवधि के रोड टैक्स से है परेशान
दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमत
तेल विपणन कंपनियों द्वारा बढ़ोत्तरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 85.20 रुपये प्रति लीटर पहुंच गयी है. वहीं डीजल का दाम 75.38 लीटर हो गया है. सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 84.95 थी. वहीं डीजल का दाम 75.13 रुपये प्रति लीटर था. सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 84.95 रुपये और डीजल की कीमत 75.13 रुपये प्रति लीटर थी.
वहीं मुंबई की बात करें तो वहां मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 91.80 रुपये प्रति लीटर है. साथ ही डीजल की कीमत 82.13 रुपये प्रति लीटर हो गयी है. सोमवार को मुबंई में पेट्रोल 91.56 रुपये और डीजल 81.87 रुपये प्रति लीटर था.
इसे भी पढ़े:तांडव के डायरेक्टर समेत पूरी टीम ने मांगी माफी, लेकिन लोगों में अब भी है नाराजगी
लॉकडाउन में बिक्री घटी, फिर भी सरकार की आय बढ़ी
तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों की बात करें तो अप्रैल-नवंबर 2020 के दौरान 4.49 करोड़ टन डीजल की बिक्री हुई. जबकि एक साल पहले समान अवधि में डीजल की बिक्री 5.54 करोड़ टन रही थी. इस दौरान पेट्रोल की बिक्री भी घटकर 1.74 करोड़ टन रह गयी है जो एक साल पहले समान अवधि में 2.04 करोड़ टन थी.
इसे भी पढ़े:Sensex 450 अंक मजबूत, SBI के शेयरों में तेजी
टैक्स वृद्धि कर सरकार बढ़ा रही आय
कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स (CGA) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-नवंबर 2020 के दौरान Excise Duty कलेक्शन 196342 करोड़ रुपये रहा. वहीं 2019 की समान अवधि में देखें तो सरकार को 132899 करोड़ रुपये की आय हुई थी. चिंता का विषय यह है कि पिछले 8 महीने लॉकडाउन था, जिसके कारण पेट्रोल और डीजल की बिक्री नगण्य थी. इसके बावजूद सरकार की Excise Duty में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है. सरकार की आय बढ़ने का सबसे बड़ा कारण टैक्स में हो रही वृद्धि है.
इसे भी पढ़े:गुजरात : फुटपाथ में सो रहे लोगों को ट्रक ने कुचला, 18 में से 13 की मौत
पेट्रोल की खुदरा कीमत में टैक्स अधिक
CGA के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल Excise Duty कलेक्शन 239599 करोड़ रुपये था. पेट्रोल की खुदरा कीमत में सेंट्रल Excise Duty का हिस्सा 39 प्रतिशत और डीजल की खुदरा कीमत में 42.5 प्रतिशत है.
इसे भी पढ़े:फिल्म ‘Dhakad’ के पोस्टर में एक्शन अवतार में दिखी Kangna, फिल्म 1 अक्टूबर को होगी रिलीज
मोदी सरकार के कार्यकाल में लगातार.. बढ़ी Excise Duty
2014 में पेट्रोल पर Excise Duty 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी. मोदी सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच पेट्रोल व डीजल पर नौ बार Excise Duty बढ़ाया है. इन 15 महीनों में पेट्रोल पर Excise Duty बढ़ाकर 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर करने से सरकार को वित्त वर्ष 2016-17 में दोगुना आय हुआ है.
2016-17 में सरकार को कुल राजस्व 242000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. अगर वहीं वित्त वर्ष 2014-15 का आंकड़ा देखें तो सरकार का राजस्व 99000 करोड़ रुपये था. 1 साल के अंतर में सरकार अपने राजस्व के लिए देश की जनता का जीना मुश्किल कर दी है.
इसे भी पढ़े:बोकारो : देवांश मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का डीसी ने किया उद्घाटन, मरीजों को मिलेगी सभी आधुनिक सुविधा
2019 से लगातार तीसरी बार Excise Duty में हुई वृद्धि
2017 में देखें तो सरकार ने अक्टूबर में Excise Duty में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. साथ ही 2018 में Excise Duty में 1.50 रुपये की और कटौती की गयी थी. इसके बाद जुलाई 2019 में Excise Duty में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी कर दी.
फिर मार्च 2020 में दोबारा सरकार ने दोनों ईंधन के लिए Excise Duty में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की. लगातर तीसरी बार सरकार ने मई महीने में पेट्रोल पर Excise Duty में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड वृद्धि की.
इसे भी पढ़े:रांची स्टेशन में मिली नवजात, मेरी सहेली की टीम ने चाइल्डलाइन को सौंपा