NewDelhi : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर उनके एक दिन पहले दिये गये भाषण को लेकर हमला बोला. कहा कि इंडी गठबंधन के पास कोई राष्ट्रवादी सोच नहीं है और देश की जनता के लिए उसके पास कोई सकारात्मक एजेंडा भी नहीं है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल ने कहा कि गांधी ने अपने भाषण में जो भी दावे किए, वे सभी निराधार हैं. उन्होंने दावा किया कि 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आयी थी, तब देश की अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में थी. राहुल गांधी ने सोमवार को कहा था कि चारों ओर भय का माहौल है और छह लोगों का एक समूह पूरे देश को चक्रव्यूह में फंसा रहा है.
Minister @PiyushGoyal addressed the media today & spoke about the development-oriented policies & reforms of the Modi Govt.
He also highlighted the false claims & baseless allegations made by the leader of the opposition in an attempt to weaken the nation.
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) July 30, 2024
Rahul Gandhi and his allies have a soft corner for the corrupt. pic.twitter.com/fkyc3AjaLN
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 30, 2024
विपक्ष के पास भारत के लोगों के लिए कारात्मक एजेंडा नहीं
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा. गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, राहुल गांधी के कल (सोमवार) के भाषण से यह स्पष्ट हो गया… देश में संवैधानिक प्राधिकारों और व्यक्तियों पर सिर्फ आरोप लगाने या कुछ कटाक्ष करने के लिए उन्होंने यह साफ कर दिया कि तथाकथित इंडी गठबंधन में कोई राष्ट्रवादी सोच नहीं है, जो संप्रग का नया नाम है. तर्कहीन दावे और मांग करने के अलावा, उनके पास भारत के लोगों के लिए कोई सकारात्मक एजेंडा नहीं है.
संप्रग सत्ता में थी, तो उसने किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी लागू नहीं की
गोयल ने आरोप लगाया कि लोकसभा अध्यक्ष को विपक्ष के नेता से बार-बार कहना पड़ा कि सदन की गरिमा बनाये रखें और निराधार दावे न करें. मंत्री ने कहा कि गांधी के भाषण ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की खोखली सोच को ही प्रदर्शित किया है. गोयल ने कहा कि जब संप्रग सत्ता में थी, तो उसने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी लागू नहीं की थी और यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सदन के अंदर और बाहर अक्सर उठाया जाता है.
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