NewDelhi : प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस से दक्षिणी फ्रांस के मार्सिले पहुंचे. उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी वीडी सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. बता दे कि उन्होंने इसी बंदरगाह शहर में भाग निकलने का साहसिक प्रयास किया था. पीएम मोदी ने जमकर सावरकर के साहस की सराहना की. कार्यक्रम में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी मौजूद थे. इससे पहसे पीएम मोदी ने मंगलवार रात (स्थानीय समयानुसार) वहां पहुंचने के बाद सोशल मीडिया मंच एक्सपर पोस्ट कर कहा, मार्सिले पहुंचा हूं.
Le président Macron et moi-même sommes arrivés à Marseille il y a peu. Cette visite sera marquée par d’importants programmes visant à renforcer les liens entre l’Inde et la France. Le consulat indien qui est en train d’être inauguré permettra d’approfondir les liens… pic.twitter.com/jX8c2qmTr6
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2025
#WATCH | France | Dhol being played outside the Indian consulate in Marseille which will be jointly inaugurated by PM Modi and French President Emmanuel Macron pic.twitter.com/Xy6hBX8uHx
— ANI (@ANI) February 12, 2025
देर रात (भारतीय समयानुसार सुबह चार बजकर 18 मिनट) एक्स पर लिखे पोस्ट में मोदी ने कहा, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और मैं कुछ देर पहले मार्सिले पहुंचे हैं. मार्सिले पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का भारतीय समुदाय के लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
भारत के स्वतंत्रता के संघर्ष में मार्सिले विशेष महत्व रखता है
पीएम ने कहा, भारत के स्वतंत्रता के संघर्ष में यह शहर(मार्सिले) विशेष महत्व रखता है. कहा कि यहीं पर महान वीर सावरकर ने भाग निकलने का साहसिक प्रयास किया था., मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मांग की थी कि सावरकर को ब्रिटिश हिरासत में नहीं सौंपा जाये. पीएम ने कहा, वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.
सावरकर ने आठ जुलाई, 1910 को अग्रेजों की कैद से भागने का प्रयास किया था
स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर ने आठ जुलाई, 1910 को अग्रेजों की कैद से भागने का प्रयास किया था, जब उन्हें मुकदमे के लिए ब्रिटिश जहाज मोरिया से भारत लाया जा रहा था. बताया जाता है कि सावरकर ने जहाज के पोर्टहोल से समुद्र में कूदे और तैर कर तट तक पहुंचने में कामयाब हो गये, लेकिन फ्रांसीसी अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया और फिर उन्हें ब्रिटिश जहाज अधिकारियों को सौंप दिया. उस समय बड़ा कूटनीतिक विवाद खड़ा हो गया था,
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की
Delighted to meet with PM @narendramodi today while in Paris for the AI Action Summit. We discussed the incredible opportunities AI will bring to India and ways we can work closely together on India’s digital transformation pic.twitter.com/OXA3vfQ6OT
— Sundar Pichai (@sundarpichai) February 11, 2025
प्रधानमंत्री मोदी और गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने पेरिस में एआई एक्शन समिट के दौरान मुलाकात की और दोनों ने कृत्रिम मेधा (एआई) से भारत में उत्पन्न अविश्वसनीय अवसरों पर चर्चा की. भारतीय मूल के अल्फाबेट इंक के सीईओ ने इस बात पर भी चर्चा की कि किस प्रकार गूगल और भारत, देश में ‘‘डिजिटल बदलाव” पर मिलकर काम कर सकते हैं. पिचाई ने सोशल मीडिया मंच एक्स’पर लिखा, ‘ आज पेरिस में एआई एक्शन समिट के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा. हमने एआई द्वारा भारत में लाये जाने वाले अविश्वसनीय अवसरों और भारत के डिजिटल बदलाव पर हम किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा की.
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