Ranchi: धुर्वा पुलिस अफसर बुधवार को ऊर्जा निगम मुख्यालय पहुंचे. पुलिस पदाधिकारियों ने आरोपी बिजली अफसरों से प्रारंभिक पूछताछ की. पुलिस की छानबीन आगे भी जारी रहेगी. निगम प्रबंधन के शिकायत के बाद धुर्वा थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. इसके बाद पुलिस एक्शन में आयी और अपनी जांच शुरू कर दी है. झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड में 40 करोड़ 50 लाख 500 रुपये के हेरफेर के आरोपी तीन पदाधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्देश निगम के एमडी रणजीत कुमार लाल ने दी. उत्पादन निगम व ऊर्जा विकास निगम को मिला कर कुल 109 करोड़ रुपए की गड़बड़ी हुई है.
उत्पादन निगम के तीन पदाधिकारी प्रारंभिक जांच इन तीन पदाधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है. इस आधार पर एमडी ने तीनों आरोपी जयंत प्रसाद-महाप्रबंधक वित्त एवं लेखा, रणजीत कुमार सिंह-उपमहाप्रबंधक और वित्त एवं लेखा श्रीकांत-वरीय प्रबंधक वित्त एवं लेखाखिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद इन पर आरोप पत्र गठित किया जायेगा. दोष सिद्ध होने पर तीनों पर निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है. इसके अलावे निगम प्रबंधन ने स्पेशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. इसको लेकर एजी को पत्र लिखा गया है.
मामला उत्पादन निगम की राशि का फर्जी निकासी व हेराफेरी का
मालूम हो कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिनू स्थित शाखा में संचालित झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से फर्जीवाड़ा के जरिये 40 करोड़ 50 लाख 500 रुपये निकाल लिये गये हैं. यह रकम फिक्स डिपॉजिट में निवेश के लिए उक्त बैंक की शाखा को हस्तांतरित की गयी थी. इस मामले में उत्पादन निगम के महाप्रबंधक अमर नायक ने धुर्वा थाना में बीते दिवस शिकायत दर्ज करायी है. जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिनू शाखा के प्रबंधक, निगम के जीएम फाइनेंस जयंत प्रसाद, डीजीएम फाइनेंस रंजीत कुमार सिंह और वरीय प्रबंधक श्रीकांत को नामजद किया गया था.
एफआईआर में यह बात कही गयी
दर्ज करायी गयी शिकायत में कहा गया है कि छह अक्तूबर 2024 को टूरिज्म डिपार्टमेंट से हुई धोखाधड़ी की शिकायत की सूचना ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को प्राप्त हुई थी. इस आधार पर सेंट्रल बैंक में किए गए फिक्सड डिपॉजिट की जांच की गयी. पता चला कि निगम की ओर से आठ-नौ अगस्त 2024 को फिक्सड डिपॉजिट में निवेश के लिए 40 करोड़ 50 लाख 500 रुपये सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिनू शाखा में आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर करने का निर्देश निगम के ‘बैंक ऑफ इंडिया, जेएसइबी एक्सटेंशन काउंटर, धुर्वा’ को दिया गया था. यह राशि के हस्तांतरण के लिए निगम की ओर से बाकायदा पत्र जारी किया गया था.
जालसाजी की आशंका के बाद निगम प्रबंधन आयी हरकत में
मिली जानकारी के अनुसार यह राशि का हस्तांतरण ‘बैंक ऑफ इंडिया, जेएसइबी एक्सटेंशन काउंट, धुर्वा’ में संचालित खाता संख्या-490220110000563 से आरटीजीएस के जरिये सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की हिनू शाखा में संचालित खाता संख्या 5600134210 में (पत्र संख्या आरइएफ-सीबीआइ 02868/2024, दिनांक-पांच अगस्त 2024 के द्वारा) किया गया था. लेकिन, इस राशि को भी जालसाजी कर निकाल लिया गया. सेंट्रल बैंक को ट्रांसफर की गयी राशि का ब्योरा ‘बैंक ऑफ इंडिया जेएसइबी एक्सटेंशन काउंटर, धुर्वा’ में उपलब्ध है. इसके तहत आठ अगस्त 2024 को बैंक ऑफ इंडिया से सेंट्रल बैंक को 25 करोड़ 500 रुपये और नौ अगस्त 2024 को 15 करोड़ 50 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये थे. निगम प्रबंधन इस पूरे मामले में बड़े जालसाजी की आशंका व्यक्त की. इसके बाद प्रबंधन हरकत में आयी और प्राथमिकी दर्ज कराई
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