NewDelhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर एक बार भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अपनी यादें साझा की हैं. बता दें कि वर्तमान में राहुल अमेरिका की यात्रा पर हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत जोड़ो यात्रा से मिली सीख को बताया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, भारत जोड़ो यात्रा ने मुझे मौन की खूबसूरती सिखाई. जयकारे लगाती भीड़ और नारों के बीच, मैंने शोर को अनदेखा करके अपने बगल वाले व्यक्ति पर पूरा ध्यान केंद्रित करने और वास्तविकता सुनने की शक्ति पायी.
The Bharat Jodo Yatra taught me the beauty of silence. In the midst of cheering crowds and slogans, I discovered the power to tune out the noise and focus entirely on the person next to me—to truly listen.
In those 145 days, and the two years since, I’ve listened to thousands of… pic.twitter.com/ZBWY7fxOHN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 7, 2024
अलग-अलग पृष्ठभूमि से आये हज़ारों भारतीयों को सुना
राहुल गांधी ने लिखा, उन 145 दिनों में और उसके बाद के दो सालों में, मैंने अलग-अलग पृष्ठभूमि से आये हज़ारों भारतीयों को सुना है. हर आवाज में ज्ञान छिपा है, मुझे कुछ नया सिखाया है और हर आवाज ने हमारी प्यारी भारत माता का प्रतिनिधित्व किया है. भारत जोड़ो य यात्रा ने साबित कर दिया कि भारतीय लोग स्वाभाविक रूप से प्रेमपूर्ण होते हैं. जब मैंने यह यात्रा शुरू की थी, तो मैंने कहा था कि प्रेम घृणा को जीतेगा और आशा भय को परास्त करेगी, आज भी हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना कि भारत माता की आवाज, प्रेम की आवाज हमारे प्यारे देश के हर कोने में सुनी जाये.
भारत जोड़ो यात्रा का शुभारंभ सितंबर 2022 में कन्याकुमारी से हुआ था
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का शुभारंभ सितंबर 2022 में कन्याकुमारी से हुआ था. यात्रा 4000 किलोमीटर का सफर तय कर कश्मीर पहुंची थी. इस क्रम में दूसरी यात्रा एक साल पहले जनवरी से शुरू हुई थी और मार्च 2024 तक चली. राहुल ने मणिपुर से महाराष्ट्र तक करीब 6200 किलोमीटर की यात्रा की. जानकारों का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल गांधी की राजनीतिक छवि को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई. जब भारत जोड़ो यात्रा शुरू की गयी थी, तब लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे. बता दें कि यात्रा में राहुल गांधी ने बेरोजगारी, किसानों की समस्या, अर्थव्यवस्था की धीमी गति, भ्रष्टाचार और शासन व्यवस्था के मुद्दों पर फोकस किया था.