Mumbai : महाराष्ट्र की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की चेतावनी और नहीं हटाने पर 4 मई से आंदोलन छेड़ने के एलान पर राज ठाकरे के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. औरंगाबाद पुलिस ने मंगलवार को ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दायर कर दी. राज ठाकरे ने 1 मई को औरंगाबाद में रैली को संबोधित किया था. पुलिस ने रैली के वीडियो देखने के बाद केस दर्ज किया. रैली के अन्य आयोजकों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. इससे पूर्व राज्य के डीजीपी रजनीश सेठ ने चेतावनी दी कि सौहार्द बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. महाराट्र पुलिस कार्रवाई में सक्षम है.
औरंगाबाद में ठाकरे ने चेतावनी दी थी
औरंगाबाद की रैली में राज ठाकरे ने कहा था कि हमने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई तक के लिए अल्टीमेटम दिया था, लेकिन 3 मई को ईद है. मैं इस उत्सव को खराब करना नहीं चाहता. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमारी मांग पूरी करे, नहीं तो 4 मई के बाद हम किसी की नहीं सुनेंगे. मनसे प्रमुख बोले कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम मस्जिदों के सामने दोगुनी ताकत से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. हमारे अनुरोध को नहीं समझा गया तो हम अपने तरीके से निपटेंगे.
पुलिस आयुक्त जांच कर रहे हैं : डीजीपी
इससे पहले आज ही डीजीपी सेठ ने कहा कि राज ठाकरे के औरंगाबाद में दिए गए बयान की वहां के पुलिस आयुक्त जांच कर रहे हैं. वह आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे. औरंगाबाद के पुलिस कमिश्नर किसी के भी खिलाफ कार्रवाई में सक्षम हैं. यदि रैली के वीडियो में ठाकरे कुछ भी गलत कहते पाए गए तो आज ही कार्रवाई होगी.
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दूसरे राज्यों के लोग आकर कर सकते हैं उपद्रव : खुफिया रिपोर्ट
उधर, महाराष्ट्र के गृह विभाग ने कहा है कि खुफिया रिपोर्ट मिली है कि राज्य में कानून व्यवस्था बिगाड़ने के लिए दूसरे राज्यों के लोग यहां आ सकते हैं. डीजीपी सेठ ने मंगलवार को राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल से मुलाकात की. इसके बाद दोनों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ राज ठाकरे की चेतावनी के मद्देनजर प्रदेश में कानून व्यवस्था की समीक्षा की. इसके बाद डीजीपी ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखाने के लिए किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है.
क्या मतलब है FIR में दर्ज धाराओं का
IPC 143- गैरकानूनी जनसमूह का सदस्य होना, IPC 109- किसी व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाना, IPC 117- एक व्यक्ति या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा अपराध किए जाने का दुष्प्रेरण.
रैली में नियम तोड़ने पर दिया था नोटिस
हनुमान चालीसा को लेकर बयान के बाद पुलिस ने राज ठाकरे को नोटिस दिया था. पुलिस ने उन्हें रैली में नियम तोड़ने पर नोटिस दिया था. उनके साथ-साथ एमएनएस कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने नोटिस दिया. पुलिस ने धारा 149 के तहत ये नोटिस भेजा. कहा जा रहा है कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले एमएनएस कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में ले सकती है.
इस मामले में ठाकरे की हो सकती है गिरफ्तारी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के मुखिया राज ठाकरे की मुसीबतें आने वाले दिनों में बढ़ सकती है. राज ठाकरे के खिलाफ महाराष्ट्र के सांगली के शिराला में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बीते 6 अप्रैल को गैर जमानती वारंट जारी किया था. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 6 अप्रैल को मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ साल 2008 से जुड़े एक मामले के संबंध में आईपीसी की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम के 135 के तहद गैर जमानती वारंट जारी किया था. 2008 में राज ठाकरे की कल्याण में भड़काऊ भाषण देने को लेकर गिरफ्तारी हुई थी उसके बाद सांगली में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने बंद का ऐलान किया था. उसी मामले में मनसे के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ राज ठाकरे को भी आरोपी बनाया गया था. लेकिन सवाल यह है कि छह अप्रैल को नॉन बेलेबल वारंट कोर्ट से जारी होने के बाद भी राज ठाकरे की गिरफ़्तारी अब तक महाराष्ट्र पुलिस क्यों नहीं कर पाई है? सवाल यह भी है कि क्या राज ठाकरे को गृह विभाग जो NCP के पास है वो उन्हें बचा रहा है.
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