Ramgarh : डीएवी बरकाकाना में प्रारंभिक शिक्षा विकास कार्यक्रम के तहत शुक्रवार से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उदघाटन स्कूल की प्राचार्या सह क्षेत्रीय अधिकारी झारखंड जोन डॉ उर्मिला सिंह ने किया. इसके बाद पोक्सो एक्ट की बारीकियों को समझाने के लिए प्रसिद्ध विडियो ’कोमल’ को प्रदर्शित कर गुड टच बैड टच की अवधारणा को स्पष्ट किया कि छोटे बच्चे किस मनःस्थिति से गुजरते हैं और उनको किस प्रकार सहारा दिया जा सकता है. विडियो के माध्यम से बतलाया गया है कि बच्चे अपनी आपबीती बेझिझक अपने माता-पिता को कैसे बताए.
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खेल के माध्यम से बच्चों को सिखायें- डॉ उर्मिला सिंह
कार्यशाला में भाग ले रहे ईईडीपी के प्रशिक्षु शिक्षकों को जानकारी देते हुए कहा कि प्रारंभिक शिक्षा विकास कार्यक्रम के तहत विद्यालय में आने वाले विद्यार्थी वर्णो की जानकारी लेकर आते हैं. ऐसे विद्यार्थी के लिए मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि लिखने के लिए किस शैली का प्रयोग किया जाए, क्योंकि देखा गया है कि हमेशा बच्चे सही ढंग से लिख नहीं पाते हैं. बच्चों के द्वारा अव्ययों की पहचान और उसके साथ अपनी कल्पना का समावेश किस प्रकार करें? इसके लिए शिक्षकों को बच्चों को कोई शब्द देकर उसपर सोंच कर बोलने की कला सिखलानी चाहिए. छोटे बच्चे खेल-खेल में बहुत सी बातें सीख जाते हैं. ऐसी स्थिति में शिक्षकों को चाहिए कि खेल के माध्यम से बच्चों में सामुहिक कार्य करने की शैली, भावों को व्यक्त करना, अव्ययों को पहचानना जैसे महत्वपूर्ण विषयों को सिखलाया जाए. कार्यशाला में जोन डी के अंतर्गत डीएवी हजारीबाग, कोडरमा, बरही, भरेचनगर, गांधीनगर रांची, रजरप्पा, उरीमारी, बचरा, पतरातू, बरकाकाना, एनटीपीसी टंडवा, गिद्दी स्कूलों से 100 शिक्षिकाओं ने भाग लिया.
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