Ranchi: झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के साथ हुई. इसमें प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा देने के मुद्दे पर चर्चा हुई. मिल संचालकों की ओर से बताई गई कठिनाईयों से अवगत कराते हुए कहा गया कि प्रत्येक वर्ष धान के समर्थन मूल्य में कुछ न कुछ बढोत्तरी होती है, जबकि झारखंड में वर्ष 2011 में राइस मिलों के लिए 20 रुपये प्रति क्विंटल मिलिंग दर था, आज भी मिलिंग दर 20 रुपये प्रति क्विंटल ही है. जबकि पडोसी राज्यों में इसकी दर में बढोत्तरी हुई है. यह भी कहा गया कि प्रोत्साहन राशि हेतु इंसेटिव सुपुर्दगी की समय सीमा जो प्रत्येक वर्ष 31 जुलाई तक निर्धारित है, की अवधि बढ़ाकर 31 अक्टूबर तक करने का भी आग्रह किया गया. यह कहा गया कि इंसेटिव प्रदान करने की समय सीमा में विस्तार से राइस मिलर्स प्रोत्साहित होंगे.
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राज्य में बनाई जा रही नई फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी पर भी बैठक के दौरान विधिवत् चर्चा हुई. चैंबर पदाधिकारियों ने पॉलिसी की सराहना करते हुए पॉलिसी के कुछ बिंदुओं पर सकारात्मक बदलाव के लिए भी सुझाया जिसपर कृषि मंत्री ने सुधार के लिए आश्वस्त किया. प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष अमित शर्मा, सह सचिव रोहित पोद्दार और शैलेष अग्रवाल शामिल थे.
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