Ranchi: बिरसा हरित ग्राम योजना से दो हजार एकड़ जमीन पर जिला प्रशासन द्वारा पौधारोपण किया जाएगा. वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में रांची जिला प्रशासन मनरेगा से संचालित इस योजना से फलदार पौधे लगाएगा. इसे लेकर रांची जिला प्रशासन 17 नर्सरी का चयन किया गया है. जहां से रैयतों-लाभुकों की जमीन पर पौधे लगाए जाएंगे, और इनका पांच साल तक संरक्षण किया जाएगा. पौधों में जो फल उगेंगे, उसका लाभुक उपयोग या बिक्री करेंगे. इससे उनकी आजीविका मजबूत होगी. इस योजना के तहत गरीब परिवारों की रैयती जमीन पर मनरेगा प्रावधान के तहत आम, अमरूद, नींबू समेत कई प्रकार के फलदार पौधे लगाये जाएंगे.
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बिरसा हरित ग्राम योजना के लाभ
इस योजना के तहत किसानों के अलावा बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. बुजुर्ग और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता देने का उद्देश्य उन्हें रोजगार से जोड़ना है. इस योजना के जरिये राज्य सरकार सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर रही है. इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी. अगले पांच साल तक पौधों को सुरक्षित रखने के लिए सहयोग मिलेगा. उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जायेगा, जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें. पौधारोपण के करीब तीन साल बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी प्राप्त होगी.
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कैसे मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत कम से कम आधा एकड़ और अधिक से अधिक डेढ़ एकड़ वाले एक लाभुक को इसका लाभ दिया जाएगा. समूह में लेने वाले को पांच एकड़ भूमि तक में बागवानी करने का लाभ दिया जाता है. वहीं, आम का पौधा लगाने के लिए 15 से 30 फीट की आपस में दूरी होनी चाहिए. आम्रपाली के लिए 15 फीट, मालदा लंगड़ा आम के लिए 30 फीट की दूरी दोनों पेड़ के बीच होनी चाहिए.