Ranchi: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले रांची के करमटोली चौक स्थित आईएमए भवन में एसोसिएशन के चिकित्सकों की बैठक हुई. इस दौरान आईएमए के अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने कहा कि झारखंड के स्वास्थ सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने चिकित्सकों को लेकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया. यह निंदनीय है. स्वास्थ सचिव के ऊपर सरकार विधि सम्मत कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री राज्यपाल, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचिव से मांग किया है कि स्वास्थ्य सचिव के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है. हमारे राष्ट्रीय IMA ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है, उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सचिव के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एक तय सीमा दें, अन्यथा हम लोग कानूनी कार्रवाई के लिए बाध्य हो जाएंगे. इसके लिए एक सप्ताह का मोहलत IMA राज्य सरकार को दे रहा है.
कोरोना काल में संक्रमित मरीजों का कराया प्रसव, सचिव का बयान अंतरात्मा को कचोटती है…
गोड्डा आईएमए के सचिव डॉ प्रभा रानी प्रसाद ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में चार कोरोना संक्रमित मरीजों का सीजर के द्वारा प्रसव कराया है. जब स्वास्थ्य सचिव का यह बयान आता है. चिकित्सक काम नहीं करते हैं तब हमारी अंतरात्मा कचोटती है. स्वास्थ्य सचिव छोटे स्तर की बात कर सभी चिकित्सकों को आहत करने का काम किया है. स्वास्थ सचिव के विरुद्ध 7 दिन के अंदर कार्रवाई होना चाहिए नहीं तो हमें आंदोलन तेज करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
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मैं एक महिला चिकित्सक शादी में नहीं ली दहेज- डॉ अनुपम सिंह
चिकित्सक महिला इकाई की संयुक्त सचिव डॉ अनुपम सिंह ने कहा कि हमारी भावनाओं को आहत करने वाला बयान स्वास्थ सचिव ने दिया है. एक ओर जहां नए चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, उनकी हौसला-अफजाई के जगह आपत्तिजनक बयान से उनका स्वागत किया जाता है. मैं महिला चिकित्सक हूं और मैंने तो अपनी शादी में दहेज नहीं लिया? उन्होंने कहा कि उच्च पद पर आसीन प्रशासनिक पदाधिकारी का गैर जिम्मेदाराना बयान दुर्भाग्यपूर्ण है.
स्वास्थ सचिव बताएं कितनी बार और कितने देर के लिए कोविड वार्ड में गए
हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के सचिव डॉ सुशील कुमार ने कहा कि उच्च पदस्थ पदाधिकारी के मुंह से ऐसा बयान अफसोस जनक है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि स्वास्थ्य सचिव ने खुले मंच से दहेज प्रथा को बढ़ावा देने का काम किया है. कोरोना काल में जब महामारी का प्रकोप चल रहा था, तब यही चिकित्सक समाज ने अपने सीने पर मार को झेलते हुए लोगों को बचाने का काम किया है. इस महामारी में हमारे 20 चिकित्सकों को खोया है वो अब हमारे बीच नहीं है. उन्होंने सवालिया लहजे में स्वास्थ सचिव से पूछा कि जब स्वास्थ्य सचिव कहते हैं कि चिकित्सक काम नहीं करते हैं तो वो लोग कौन थे. जिन्होंने मरीजों की जान बचाने का काम किया. स्वास्थ सचिव कितने बार कोविड वार्ड गए हैं और कितने देर के लिए गए हैं वह बताएं.
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