Ranchi : रांची के मोरहाबादी मैदान में चल रहे राष्ट्रीय खादी-सरस मेले में दूसरे दिन लेगों ने जमकर खरीदारी की. वहीं, लोक कलाकारों ने झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शिल्पकला का अद्भुत प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम ने राज्य के कारीगरों और उद्यमियों को एक मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने पारंपरिक मसाले, वस्त्र, जूते, आभूषण, हस्तशिल्प, पेंटिंग्स और घरेलू सजावट जैसी विविध वस्तुओं का प्रदर्शन किया. झारखंड के विभिन्न जिलों के स्टॉलों पर राज्य की शिल्पकला की विविधता को प्रदर्शित किया गया. दुमका की जादू पाटिया, हजारीबाग की हैंडलूम साड़ियां व लोहरदगा के कालीन जैसे उत्पादों ने आगंतुकों को आकर्षित किया. खाद्य पदार्थों के स्टॉलों पर लोगों ने झारखंड के लजीज व्यंजनों का स्वाद लिया.
खादी महोत्सव में राज्य के 24 जिलों के 200 स्वयंसहायता समूह भाग ले रहे हैं. 10 जिलों के स्वयंसहायता समूहों द्वारा लगाए गए पालश दीदी कैफे आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. पहले दिन ही इन कैफे ने 2 लाख 22 हजार रुपए का बिजनेस किया, जो स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने में इस आयोजन की भूमिका को दर्शाता है. यह महोत्सव न केवल झारखंड की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव है, बल्कि यह राज्य के स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का एक मंच भी है. इससे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी.
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