Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ बीआर सारंगी और झालसा (झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार) के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने रविवार को राज्य में दो अलग अलग जगहों पर ग्राम न्यायालय का उदघाटन किया. रांची के मांडर और जमशेदपुर के बहरागोडा में ग्राम न्यायालय का उदघाटन किया गया. उदघाटन समारोह में हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश और महाधिवक्ता समेत अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे.
क्या है ग्राम न्यायालय
झारखंड में पहला ग्राम न्यायालय कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया में हुआ था. ग्राम न्यायालय में 25 हजार रुपये तक के दीवानी मामले और समन ट्रायल (छोटे-मोटे) आपराधिक मामलों की सुनवाई होगी. ग्राम न्यायालय की शुरुआत होने के बाद मांडर प्रखंड के 19 पंचायतों के उक्त मामलों की सुनवाई होगी. ग्राम न्यायालय में जिन पंचायत से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी उसमें मंद्रो, सरबा, बिसहा खटंगा, महुआजाड़ी, कैम्बो, बझीला, कंजिया, मांडर, मलती, टीगोइ अंबाटोली, करगे, बरगडी, ब्राम्बे, मुडमा सुरसा, नगडा, टांगरबसली, लोयो और झिंझरी पंचायत को शामिल किया गया है. फिलहाल दो प्रखंडों में शुरू हो रहे ग्राम न्यायालय के कॉनसेप्ट को भविष्य में अन्य जिलों के प्रखंडों में भी लागू किया का सकता है. इसके लिए छह जगहों का चयन किया गया है. ग्राम न्यायालय के पीछे यह सोच है कि दूर दराज के ग्रामीणों को छोटे मामलों की सुनवाई के लिए सिविल कोर्ट न आना पड़े. ग्राम न्यायालय में IPC की धारा 304A, 310, 318, 323, 334, 337, 338, 341, 342, 343, 345, 346, 353, 354, 355, 356, 357, 358, 403, 417, 421, 422, 423, 424, 427, 434, 447, 448, 451, 453, 461, 465, 482, 483, 486, 489, 489E, 491, 498, 500, 501, 502, 504, 506, 509 और 510 से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी.
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