NewDelhi : देश की मजबूत अर्थव्यवस्था का असर देश के प्रत्यक्ष कर संग्रह (डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन) पर भी देखने को मिल रहा है. चालू वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत से अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में इजाफा हुआ है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल से 17 सितंबर तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 16.12 प्रतिशत बढ़कर 9.95 लाख करोड़ पहुंच गया है. इस दौरान टैक्स रिफंड में भी उछाल देखने को मिला है. पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 56.49 प्रतिशत बढ़कर 2.05 लाख करोड़ हो गया है. इतना ही नहीं 1 अप्रैल से अब तक नेट पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में भी बड़ा उछाल देखने को मिला है. यह सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 5.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस दौरान कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 10.55 प्रतिशत बढ़कर 4.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
एडवांस टैक्स कलेक्शन सालाना आधार पर 22.61 प्रतिशत बढ़ा
सीबीडीटी के आंकड़ों के मुताबिक, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) का संग्रह बढ़कर 26,154 करोड़ रुपये हो गया है. अग्रिम कर संग्रह (एडवांस टैक्स कलेक्शन) सालाना आधार पर 22.61 प्रतिशत बढ़कर 4.36 लाख करोड़ हो गया है. एडवांस पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में भी 39.22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. कॉरपोरेट टैक्स में 18.17 प्रतिशत की बढ़त हुई है. समीक्षा अवधि में रिफंड को मिलाकर ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 21.48 प्रतिशत बढ़कर 12.01 लाख करोड़ रुपये रहा है. चालू वित्त वर्ष में सरकार की ओर से प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर, कॉरपोरेट टैक्स और अन्य टैक्स) से 22.12 लाख करोड़ संग्रह करने का लक्ष्य तय किया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष से करीब 13 प्रतिशत ज्यादा है. देश में प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़त की वजह अर्थव्यवस्था का मजबूत होना है.