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New Delhi : कोरोना पॉजिटिव मामलों की रोकथाम, निगरानी, जांच, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के उपायों और कुशल नैदानिक प्रबंधन को मजबूत बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार झारखंड सहित कई राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में भी उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीमों को भेजने पर विचार कर रही है. ये टीमें कोविड मामलों की उच्च संख्या वाले उन जिलों का दौरा क करेगी जहां पर कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट आ रही हैं.
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केंद्र सरकार ने हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर में चार उच्च स्तरीय टीमों को भेज दिया है. बहरहाल, ये टीमें राज्य के प्रयासों को सुदृढ़ बनाएगी. केंद्रीय दल समय पर इलाज और बाद की प्रक्रिया से संबंधित चुनौतियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के लिए मार्गदर्शन भी करेगी.
केंद्र और राज्यों को व्यापक परीक्षण की सलाह
केंद्र सरकार ने राज्य व केंद्रशासित प्रदेश सरकारों को आक्रामक और व्यापक परीक्षण करने की सलाह दी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पॉजिटिव कोविड 19 मामलों के पता नहीं चल सकने वाले और छूटे हुए मरीजों का समय पर जानकारी मिल सके और प्रभावी ट्रेसिंग, कन्टेंमेंट और बाद का उपचार किया जा सके.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मणिपुर के लिए उच्च स्तरीय टीमों की प्रतिनियुक्ति कर दी है. दिल्ली में दैनिक नए मामलों में वृद्धि और दैनिक मृत्युदर में बढ़ोतरी का प्रभाव राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर के तहत आने वाले हरियाणा और राजस्थान के इलाकों में देखा गया है. इन इलाकों में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.
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नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया हरियाणा के लिए गठित तीन सदस्यीय दल और नीति आयोग के सदस्य स्वास्थ्य डॉ वीके पॉल राजस्थान की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. इनके अलावा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी के निदेशक डॉ एसके सिंह गुजरात की टीम और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय डीएचजीएस के अतिरिक्त उप-महानिदेशक (डीडीजी डॉ एल स्वस्तिचरण मणिपुर के लिए गठित दल का नेतृत्व कर रहे हैं)
केंद्र सरकार सहकारी संघवाद की अम्ब्रेला रणनीति के तहत एक संपूर्ण सरकार और संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण के साथ वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रही है. कोविड प्रबंधन के लिए विभिन्न राज्य केंद्र शासित सरकारों के प्रयासों को मजबूत करने के लिए संचालित कोशिश के रूप में केंद्र सरकार समय-समय पर विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करने के लिए केंद्रीय टीमों को प्रतिनियुक्त करती है. ये दल राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के प्राधिकारियों के साथ संवाद करते हैं और उनके सामने आने वाली चुनौतियों और मुद्दों की प्राथमिक समझ प्राप्त करते हैं, जिससे उनकी संचालित गतिविधियों को मजबूत किया जा सके। इसके अलावा यदि कोई बाधाएं हो तो वह भी दूर हो सकें.
कोविड जांच के मामले में एक और मील का पत्थर
भारत में वैश्विक महामारी कोविड 19 के खिलाफ जंग में एक और मील का पत्थर पार कर लिया. प्रतिदिन 10 लाख से ज्यादा जांच कराने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप पिछले 24 घंटों में 10,66,022 नमूनों की जांच की गई और इस तरह भारत में कुल मामलों की समग्र जांच संख्या बढ़कर 13,06,57’808 हो गई.
पिछले करीब एक करोड़ मामलों की जांच मात्र 10 दिन की अवधि में की गई. प्रतिदिन औसतन 10 लाख से ज्यादा नमूनों की जांच से समग्र पॉजिटिव मामलों की दर को कम स्तर पर कायम रख पाना सुनिश्चित किया जा सका है और इस तरह इसमें फिलहाल गिरावट का रुख दिख रहा है. पॉजिटिव मामलों की राष्ट्रीय समग्र दर आज 6.93 प्रतिशत है जो कि सात प्रतिशत के स्तर से कम है. कल प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की दर मात्र 4.34 प्रतिशत थी. बड़ी संख्या में टेस्ट कराए जाने से पॉजिटिव मामलों की दर में गिरावट आई है.
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पिछले 24 घंटों के दौरान 46,232 लोग कोविड से संक्रमित पाए गए. प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की दर का 4.34 प्रतिशत पर रहना दर्शाता है कि कुल आबादी के बीच बड़ी संख्या में नमूनों की जांच कराई गई है. अमेरिका और यूरोप के देशों में पॉजिटिव मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मुकाबले भारत महामारी के फैलाव को काबू में रखने के लिए सचेत रूप से हर संभव कदम उठा रहा है. उत्तर भारत के कुछ राज्यों में कोविड मामलों में हुई वृद्धि को देखते हुए केन्द्र ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को टैस्ट की संख्या बढ़ाने की सलाह दी है. समस्त भारत की तुलना में 24 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में हर 10 लाख की आबादी पर अधिक टेस्ट कराए गए.