Ranchi: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले रिम्स में मरीजों के इलाज के साथ उन्हें तीन वक्त का भोजन भी दिया जाता है. मरीजों को भोजन उनके डाइट के हिसाब से दिया जाता है. इसके लिए बकायदा रिम्स के ने डाइटिशियन को भी नियुक्त कर रखा है. ताकि हर एक मरीज को गुणवत्तापूर्ण खाना मिल सके और उनका मर्ज जल्द से जल्द ठीक हो सके. लेकिन रिम्स में मरीजों को खाना खिलाने वाली कंपनी प्राइम सर्विस अब हाथ खड़ा करने के कागार पर है.
एजेंसी की बढ़ी परेशानी
दरअसल पिछले 11 महीनों से रिम्स प्रबंधन ने प्राइम सर्विस को खाना खिलाने के एवज में दिए जाने वाले पैसे का भुगतान नहीं किया है. इससे कंपनी की परेशानी बढ़ गई है. हालत ऐसी हो चुकी है कि अब एजेंसी को सामान सप्लाई करने वाले लोग भी सामान देने से मना कर रहे हैं.
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अस्पताल में भर्ती मरीजों को तीन वक्त का भोजन देने का है प्रावधान
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में हर रोज मरीजों को तीन वक्त का भोजन देने का प्रावधान है. प्राइम सर्विस के द्वारा डाइट के अनुसार मरीजों को खाना दिया जाता है. रिम्स में अभी लगभग 1400 मरीजों का इलाज हो रहा है. नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना मिलाकर हर रोज 4200 मरीजों को खाना दिया जाता है. रिम्स प्रबंधन के द्वारा पैसे का भुगतान नहीं होने के कारण कंपनी किसी भी वक्त मरीजों को दिए जाने वाले भोजन को बंद कर सकती है.
11 महीने का बकाया 4 करोड़ रुपए
जानकारी के मुताबिक पिछले 11 महीने से रिम्स प्रबंधन ने प्राइम सर्विस को खाने के एवज में दिए जाने वाले राशि का भुगतान नहीं किया है. लगभग 4 करोड़ रुपए की राशि प्राइम सर्विस का रिम्स प्रबंधन के उपर बकाया है. प्राइम सर्विस ने रिम्स प्रबंधन को 8-9 बार पत्राचार किया है. बावजूद इसके पैसे का भुगतान नहीं हुआ है.
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पिता हृदय रोग के मरीज, पैसे के अभाव के कारण इलाज में परेशानी
रिम्स किचन में काम करने वाले कर्मचारी इश्तेखार आदिल के पिता ह्रदयरोग की समस्या से जूझ रहे हैं. पिछले 2 महीने से प्राइम सर्विस ने अपने कर्मचारी को पैसे का भुगतान नहीं किया है. आदिल कहते हैं कि पैसे के अभाव में पिता का बेहतर इलाज नहीं करवा पा रहे हैं.
किसी भी वक्त हाथ खड़ा कर सकती है प्राइम सर्विस
अपने पैकेट से प्राइम सर्विस ने अपने कर्मचारियों को 9 महीने का भुगतान किया है. अब कंपनी की हालत ऐसी हो चुकी है कि वह अपने कर्मचारियों को पैसे का भुगतान नहीं कर पा रहा है. ऐसे में रिम्स प्रबंधन को जल्द प्राइम सर्विस को पैसे का भुगतान करना होगा. नहीं तो मरीजों के निवाले पर कभी भी ग्रहण लग सकता है.