- अपर नगर आयुक्त सहित निगम की टीम ने रविवार देर शाम किया निरीक्षण
Ranchi: राजधानी में कोरोना संक्रमण का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. इसके साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में संक्रमित मरीजों का अंतिम संस्कार के लिए हरमू में बनाए गए राजधानी के एकमात्र गैस आधारित शवदाह गृह पर लोड बढ़ते जा रहा है. इससे यहां का मशीन भी खराब हो जा रहा है. रविवार को ठीक ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला, जब मशीन खराब होने से यहां पर संक्रमित मरीजों की डेड बॉडी की लाइन लग गई. सभी डेड बॉडी एम्बुलेंस में रखे थे. इसे देखते हुए आनन-फानन में जिला प्रशासन ने रांची नगर निगम को आदेश दिया कि मशीन को तत्काल बनाया जाये.
मैनुअल तरीके से अंतिम संस्कार
हालांकि मशीन बनने में लगे समय को देखते हुए संक्रमित मरीजों के शव को अब मैनुअल तरीके से (लकड़ी) के माध्यम से जलाने की भी शुरुआत हो गई है. इसी कड़ी में निगम ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर नामकुम स्थित बड़ा घागरा के पास भी संक्रमित मरीजों के लकड़ी पर चलाने के वैकल्पिक व्यवस्था शुरू कर दी है. इसे लेकर रविवार देर शाम अपर नगर आयुक्त राजेश कुमार, सिटी मैनेजर विजेंदर सिंह सहित निगम की एक टीम ने बड़ा घाघरा का निरीक्षण किया.
नामकुम के बड़ा घाघरा में अंतिम संस्कार की व्यवस्था
संक्रमित मरीजों के शव को जलाने के लिए रांची नगर निगम ने पहले ही हरमू मुक्ति धाम में ट्रैक्टर भेजा था. हरमू मुक्तिधाम से लकड़ी लोड कर नामकुम के घाघरा श्मशान घाट ले जाया जा रहा है. जब तक गैस आधारित शवदाह गृह की मशीनें ठीक नहीं हो जाती, तब तक मैनुअल तरीके से कोरोना से मौत हुए लोगों का अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया गया है. बता दें कि बीते साल जब कोरोना का प्रकोप काफी तेज गति से बढ़ा था तो उस वक्त भी बड़ा घाघरा में संक्रमित मरीजों को जलाने का काम किया गया था.