Hazaribagh: बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र की चेचकपी पंचायत का ग्राम सिजुआ आदिवासी बहुल है. यह ग्राम प्रखंड मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है. इसका छह किलोमीटर मार्ग उबड़ खाबड़ एवं पहाड़ों से होकर गुजरता है, जहां हजारों की संख्या में लोग निवास करते हैं. यहां का मुख्य मार्ग बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण बह गया, जिसके कारण लगभग 20 फीट खाई बन गई है. लिहाजा टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहनों का आवागमन पूर्ण रूप से बाधित हो गया है.
स्थानीय निवासी टिमनी देवी (60) कुछ दिनों से बीमार है. जिसे खाट की सहायता से सीएचसी बरकट्ठा ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन रास्ता अवरुद्ध होने के कारण उसे बरकट्ठा नहीं ले जाया जा सका. ग्रामीणों ने कहा कि अब इसका हमलोग गांव में ही जड़ी-बूटी से इलाज करेंगे. भगवान भरोसे ही इसकी जान बचेगी. ग्रामीणों ने कहा कि यहां मध्य विद्यालय में शिक्षकों को आने-जाने में भी काफी परेशानी हो रही है. जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.
सड़क बनाने की मांग पूर्व से करते आए हैंः मुखिया रीता देवी
इस संबंध में मुखिया रीता देवी ने कहा कि हम लोग इस सड़क को बनाने की मांग पूर्व से करते आए हैं. लोकसभा चुनाव के समय हम लोगों ने चुनाव का बहिष्कार भी किया था और पदाधिकारियों से कहा था कि जब तक सड़क नहीं बनेगी तब तक हम लोग वोट नहीं देंगे. उस वक्त प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया था कि चुनाव के बाद शीघ्र सडक बना दी जाएगी, लेकिन स्थिति जस की तस है. अब विधानसभा चुनाव आने वाला है. हमलोगों ने उपायुक्त से मिलकर इस मामले को उनके संज्ञान में दिया. अब यदि सड़क नहीं बनी तो हम लोग उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. वहीं मुखिया प्रतिनिधि डेगलाल साव ने कहा कि चेचकपी पंचायत से सबसे ज्यादा राजस्व सरकार को दिया जाता है, लेकिन यह पंचायत आदिवासी बहुल क्षेत्र होते हुए भी काफी पिछड़ी है. अब सड़क जल्द नहीं बनेगी तो आंदोलन तय है.
खाट पर भी मरीज को ले जाना मुश्किल
वहीं वार्ड सदस्य रिंकी देवी ने कहा कि कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए या गर्भवती महिला को प्रसव कराने के लिए बरकट्ठा सीएचसी ले जाना हो तो वह भगवान भरोसे ही रहेगा. खाट पर टांग कर भी मरीज को ले जाना मुश्किल हो रहा है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अनिल सिंह ने कहा हम सब ग्रामीण मिलकर जिला परिषद सदस्य को इसके लिए आवेदन दिए हैं और इस रोड को जल्द से जल्द बनाने की मांग की गई है. मौके पर अशोक सिंह, परमेश्वर सिंह, सोना सिंह, ब्रह्मदेव सिंह, कंचन देवी, तेतरी देवी, रेखा देवी, कौशल्या देवी समेत दर्जनों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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