Sahibganj : सदर अस्पताल साहिबगंज में पिछले सोमवार को मंडरो के सिमरिया गांव निवासी छह साल की बच्ची गोमदी पहाड़िन की मौत हो गई थी. मामले की जांच को लेकर साहिबगंज के अपर समाहर्ता (एडीसी) राज महेश्वरम व सदर एसडीओ आंगारनाथ स्वर्णकार बुधवार की शाम सदर अस्पताल पहुंचे. दोनों पदाधिकारियों ने मामले में हर बिंदु पर जांच की. डॉक्टर कक्ष में बैठकर ड्यूटी पर तैनात जीएनएम दीप्ति मई प्रधान को बुलाकर डॉक्टर ड्यूटी रोस्टर को खंगाला. इसके बाद सहायक मैनेजर आदित्य कुमार को से बंद कमरे में पूछताछ की. घटना के वक्त इमरजेंसी में तैनात डॉ शाहनवाज आलम व डॉ फारूक को भी बुलाकर पूछताछ की गई. दोनों से लिखित स्पष्टीकरण लिया गया. इसके बाद दोनों पदाधिकारियों ने देर शाम महादेवगंज पीर दरगाह के पास स्थित राज मेडिकल स्टोर में पंहुचकर जांच पड़ताल की और दुकान को सील कर दिया. अपर समाहर्ता ने प्रभारी सिविल सर्जन (डीएस) डॉ रंजन कुमार को मेडिकल स्टोर के संचालक एम राजा व बच्ची का इलाज करने वाले झोला छाप डॉक्टर के खिलाफ जिरवाबाड़ी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया.
सूत्रों के अनुसार, मेडिकल स्टोर में बच्ची के नाम की पर्ची मिली है, जिसमें झोला छाप डॉक्टर के इलाज करने की बात सामने आई है. जांच टीम में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार, सदर अस्पताल के डॉ. सती डाबड़ा, डॉ. महमूद, डॉ. किरण माला, अस्पताल प्रबंधक यशवंत राव शामिल थे. घटना के दिन यानी सोमवार को अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात में डॉक्टर, गार्ड, एनएनएम, जीएनएम सहित अन्य स्टाफ से पूछताछ की गई. जांच में पाया गया कि सोमवार को ड्यूटी में डॉ. शहनवाज व डॉ. फारूक तैनात थे. ज्ञात हो कि घटना के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए साहिबगंज डीसी ने सीएस को मामले की जांच कर 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. निर्धारित समय जांच रिपोर्ट नहीं मिलने पर डीसी ने सीएस के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. बच्ची के परिजन मथियस मालतो ने आरोप लगाया था कि सदर अस्पताल में डॉक्टर के नहीं रहने के कारण बच्ची की मौत हो गई. मामला सीएम हेमंत सोरेन तक पहुंचा था. सीएम ने ट्वीट कर डीसी को मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था.
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