Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए समय पर फीस नहीं भरने के कारण एडमिशन से वंचित छात्र का दाखिला लेने का निर्देश झारखंड के प्रतिष्ठित आईआईटी आईएसएम धनबाद को दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत निहित अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आईआईटी आईएसएम को आदेश दिया है कि वह उत्तर प्रदेश के दलित छात्र का दाखिला ले.
उत्तर प्रदेश के छात्र ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन…
दरअसल उत्तर प्रदेश के एक छात्र ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी. लेकिन समय पर फ़ीस नहीं भरने के कारण उसका दाखिला आईआईटी धनबाद में नहीं हो पाया. जिसके बाद यह मामला शीर्ष अदालत पहुंचा जहां सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी धनबाद को निर्देश दिया कि ऐसे मेधावी छात्र को दाखिले से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में सुनवाई हुई
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि छात्र समयसीमा के भीतर फीस जमा करने में विफल रहा, लेकिन उसे हर हाल में आईआईटी धनबाद में दाखिला मिलना चाहिए. पिछड़े समूह से आने वाले किसी भी प्रतिभावान छात्र को दाखिले से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.इस मामले में छात्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (AOR) प्रज्ञा सिंह बघेल ने बहस की. इस केस के लिए प्रज्ञा सिंह बघेल ने एक रुपए भी फीस नहीं ली.इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच में हुई.