कोलकाता, दुमका और हजारीबाग जेल में बनाई गई थी रणनीति
घटना के पीछे लेवी थी मुख्य वजह, मांगा जा रहा था पूरे कारोबार का एक फीसदी रकम
Hazaribagh : एनटीपीसी बड़कागांव की आउटसोर्सिंग ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या अमन साहू गिरोह के गुर्गों ने की थी. गिरोह के शूटर चंदन साव समेत अन्य अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था. घटना के पीछे की मुख्य वजह लेवी थी. यह जानकारी हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चोथे ने गुरुवार की शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. इसके साथ ही ‘शुभम संदेश’ की पूरी खबर पर मुहर लग गई. जिसमें यह प्रकाशित किया गया था कि हत्याकांड से अमन साहू गिरोह के तार जुड़े हैं.
शरद कुमार की हत्या बड़कागांव में नौ मई को गोली मार कर की गई थी. पिछले नौ दिनों से पुलिस इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में लगी हुई थी. इसी क्रम में हजारीबाग एसपी ने प्रेस कॉन्फेंस कर रामाचंद्र सोनी को सामने लाया. हजारीबाग एसपी ने जानकारी दी कि 8-9 मई की रात में अपराधियों ने कोल ट्रांसपोर्टिंग कार्य को रोक दिया था. इस मामले को लेकर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इन्हीं लोगों से पूछताछ करने के दौरान अभियुक्त रामाचंद्र सोनी उर्फ रामा सोनी ने घटना में संलिप्तता की बात कही. साथ ही यह बात भी स्पष्ट हुआ कि अमन साहू ने शरद हत्याकांड को अंजाम दिया. अमन साहू को चतरा पुलिस ने रिमांड पर लिया है और उससे बड़कागांव एसडीपीओ चंदन सिंह ने पूछताछ की, जहां उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.
शरद कुमार की हुई थी रेकी
रामाचंद्र सोनी के बारे में बताया जाता है कि उसने शरद कुमार की रेकी की थी और जिस गाड़ी से वह आ रहे थे, इसकी जानकारी दी थी. ऐसे में एक पूरा गिरोह इस घटना को अंजाम देने में संलिप्त था. इसमें चंदन साव समेत घटना को अंजाम देने में अन्य जिन लोगों की संलिप्तता है, अब उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई राज्यों में एक साथ ऑपरेशन भी चला रही है.
तीनों जेल से हत्याकांड के जुड़े हैं तार
हजारीबाग पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि इस पूरी घटना में जेल कि अहम भूमिका रही है. अमन साहू कोलकाता जेल में बंद था और पूरी योजना कोलकाता जेल में बनाई गई. इसका लिंक दुमका जेल और हजारीबाग जेपी केंद्रीय कारा तक जुड़ा हुआ है. हजारीबाग जेल में बंद सलगा निवासी योगेश्वर महतो का तार भी इस हत्याकांड से जुड़ा है.
संबंधों पर ‘शुभम संदेश’ ने पहले ही किया था खुलासा
रामाचंद्र सोनी के बारे में ‘शुभम संदेश’ ने पहले ही यह खुलासा किया था कि ऋत्विक कंपनी के साथ उसके अच्छे संबंध हैं और वह अमन साहू के लिए काम करता था. इस बात की पुष्टि हजारीबाग एसपी ने भी की है. उनका कहना है कि वह केरेडारी का रहने वाला है और उसकी कई गाड़ियां ऋत्विक कंपनी में चलती है. यही नहीं उसकी जमीन का अधिग्रहण भी कंपनी ने कोल खनन के लिए किया है. रामाशंकर सोनी का कई अपराधियों से संपर्क भी रहा है.
एनटीपीसी के एक वरीय पदाधिकारी भी संदेह के घेरे में
रामाचंद्र सोनी की एनटीपीसी के एक वरीय पदाधिकारी से 30 मिनट लगातार बात करने का भी मामला प्रकाश में आ रहा है. बताया जाता है कि उस पदाधिकारी से रामाशंकर सोनी ने कई बार बात भी की है. ऐसे में वह पदाधिकारी भी अब पुलिस के संदेह के घेरे में हैं.
विकास तिवारी जमशेदपुर और अमन शिफ्ट होगा दुमका जेल
जेल से अपराधियों के सक्रिय होने और घटना को अंजाम देने की वारदात सामने आने के बाद हजारीबाग पुलिस ने बड़ी कार्रवाई भी की है. उसने विकास तिवारी को हजारीबाग जेल से शिफ्ट करा कर घाघीडीह जमशेदपुर जेल शिफ्ट करवाने का लिए आवेदन दिया था, उसे स्वीकार कर लिया गया है. वहीं अमन को दुमका जेल शिफ्ट कराया जाएगा.
शरद बाबू हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी…
जानकारी के अनुसार अमन साहू ऋत्विक कंपनी के 660 करोड़ के टर्न ओवर का 1% की मांग लेवी के रूप में की थी. उसने 58 लाख का बिल भी कंपनी को भेजा था. 1% की मांग की थी और इस बात को लेकर लगभग सहमति भी बन गई थी. कंपनी महज ₹78000 लेवी के लिए देने को तैयार हुई थी. लेकिन इस बात को लेकर अमन साहू ने विरोध दर्ज किया और तय किया कि फिर से दबाव बनाया जाए. शरद कुमार की हत्या कराने का कोई उद्देश्य नहीं था, बल्कि एक भय का वातावरण बनाना था. यह भी जानकारी है कि शरद कुमार हमेशा गाड़ी की पिछली सीट पर बैठा करते थे और अगली सीट पर बॉडीगार्ड हुआ करता था. हत्या के दिन शरद बाबू आगे की सीट पर बैठे हुए थे. इसका कारण क्या है यह भी जांच का विषय है.दूसरी बात यह है कि शरद कुमार सप्ताह या महीना में एक बार कार्यालय जाया करते थे. इस बात की जानकारी अपराधियों को कैसे हुई.
इस पूरे हत्याकांड के पीछे ऋत्विक कंपनी के एजीएम भास्कर सिंह भी संदेह के घेरे में हैं. पुलिस उनसे कई बार पूछताछ भी कर चुकी है .ऐसा बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और बड़ा खुलासा भी हो सकता है. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कंपनी नियम को ताक पर रखकर काम कर रही है. जो भी धमकी आती थी, उसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी जाती थी. हजारीबाग एसपी ने तमाम व्यवसायियों से अपील की है कि वह पुलिस का साथ दें. अगर किसी को धमकी आती है, उसकी सूचना अवश्य दें.
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