सरकारी भूमि पर कब्जा के मामले में सीओ ने रसीद काटने पर लगाई रोक, प्राथमिकी का आदेश
सिरसी में जारी है भू-माफिया का काम, फरमान पर कोई संज्ञान नहीं
Hazaribagh : डीसी के आदेश को भी अपर समाहर्ता (एसी) ने दरकिनार कर दिया है. यह मामला हजारीबाग के डीसी और एसी की ओर से जारी पत्रों से हुआ है और इस पर कई सवाल उठ रहे हैं. मामला सरकारी भूमि पर कब्जा कर उसकी प्लॉटिंग करने के बाद निरंतर हो रहे काम से जुड़ा है. यह 19.20 एकड़ सरकारी भूमि हजारीबाग के कटकमदाग अंचल स्थित सिरसी मौजा की खाता संख्या-251 और प्लॉट-882 के अंतर्गत है. इस भूमि पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर रखा है और लगातार इस पर काम जारी है. इस जमीन के कुछ हिस्से में चहारदीवारी और भवन तक बनाए जा चुके हैं. इस जमीन की प्रकृति खतियान में गैर मजरूआ खास किस्म जंगल दर्ज है और जानकारों की राय में जमीन की प्रकृति कभी बदलती नहीं है.
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वर्ष 2004 में अपर समाहर्ता ने कमला देवी बनाम राज्य के केस पर 12.08.2004 को सुनवाई में आदेश जारी करते हुए इस जमीन को रैयती करार दे दिया था. फिर वर्ष 2007 में डीसी कोर्ट ने वाद संख्या-53/04 पर कमला देवी बनाम बंशी रविदास पर एसी के आदेश को खत्म करते हुए सुनवाई में फैसला दिया कि उस जमीन पर अवैध रूप से कायम जमाबंदी है. इसमें 5.20 एकड़ भूमि संदेह के दायरे में है. ऐसे में इसकी जमाबंदी रद्द की जाती है. उसके बाद एसी ने इस वर्ष चार मार्च को पत्रांक-920 के तहत उसी जमीन का लगान रसीद निर्गत करने का आदेश सीओ को दे दिया. हालांकि सीओ ने फिलहाल रसीद काटने पर रोक लगाते हुए भू-माफिया के खिलाफ थाना प्रभारी को प्राथमिकी का आदेश दिया है. लेकिन इस सरकारी जमीन पर काम नहीं रोका गया है.
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