विदेश नीति को संभालने की जरूरत है!
यह बात बिल्कुल सच है कि किसी भी जीव के ईश्वर प्रदत्त मूल स्वरूप को बदला नहीं जा सकता, लेकिन आज के चिकित्सकीय संसार में अब यह असंभव नहीं रहा . पर, कुछ जीव ऐसे होते हैं जिसके मूल स्वरूप को चाहे हम जितना भी चिकित्सकीय पद्धति से ठीक कर लें, लेकिन वर्षों की मेहनत के बावजूद इसमें परिवर्तन नहीं आता. अक्षरशः यही हाल पाकिस्तान का है चाहे आजादी के बाद हो या पहले -पता नहीं उसके मन में कितना बैर भारत के प्रति था कि उसने अखंड भारत को खंड खंड में बांट ही दिया
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