बिहार में हिलोर बा, प्रशांते किशोर बा
सबकी तमन्नाएं हैं, गलतफहमियां भी हैं. चाहे इधर चिराग हों या उधर के सहनी. सीट बंटवारे की पहले सुलझ भी गयी तो टिकट बंटवारे का बखेड़ा खड़ा होगा. जिसे टिकट नहीं मिलेगा, उसकी भुजाएं फड़केंगी, सुसुप्त पराक्रम अंगड़ाई लेगा. नहीं दलीय तो निर्दलीय ही सही, लेकिन बेटिकट करने वालों को उनकी औकात दिखानी ही पड़ेगी.
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