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ओपिनियन

ऑपरेशन सिंदूर : CDS ने मोदी सरकार को फंसा दिया !

मोदी सरकार यह कभी नहीं चाहती थी कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश को हुए लड़ाकू विमानों के नुकसान के बारे में देश व दुनिया के लोगों को पता चले. दुनिया भर में यह सवाल उठता रहा,

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अगर देश में सुप्रीम कोर्ट नहीं होता तो...!

भारतीय संविधान के लिए गठित सभा में कानून के लगभग सभी उद्भट विद्वान शामिल थे, जिन्हें डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व द्वारा देखा जा रहा था. कोई कल्पना कर सकता है कि आजादी के बाद देश में न तो सड़कों का विस्तार हुआ, न ही रेलवे का जाल बिछा था, लेकिन उन महान कानूनविदों ने देश के कोने-कोने का निरीक्षण कर उन्हें एक सूत्र में गूंथकर एक माला की शक्ल में संविधान का रूप दिया.

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शशि थरुर की टीम जिन 5 देशों में गईं, उनमें से एक कोलंबिया ने उल्टी कर दी

मोदी सरकार ने कांग्रेसी सांसद शशि थरुर के नेतृत्व में सांसदों की टीम को पांच देशों में भेजा था. टीम का काम यह था कि वह दुनिया को बताएं कि पाकिस्तान कैसे आतंकवाद को समर्थन करता है. साथ ही भारत के प्रति देशों का समर्थन हासिल करना था. टीम के लौटने के बाद कोलंबिया ने पाकिस्तान के पक्ष में बयान जारी कर दिया.

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ताकतवर क्षेत्रिय नेता ना भाजपा को पसंद, ना कांग्रेस को

अब पॉलिटिकल लिखना तो नहीं चाहता लेकिन आज लिख रहा हूं. क्योंकि जो लोग खुद को एकदम तटस्थ मानते हैं वो भी लालू यादव का नाम आने पे अलग रिएक्ट करते हैं. खूब भाजपा के विपक्षी बने लेकिन लालू यादव के नाम पे चारा चोर कहेंगे, उनसे बस इतना पूछ लो कि असली केस क्या था तो बता नहीं पाएंगे.

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बिहार चुनावः सेना की बहादुरी और सियासत की बीमारी

ऐसे समय में यह जानना दिलचस्प होगा कि पिछले 20 सालों में भारतीय सेना ने कब-कब सर्जिकल स्ट्राइक किया और तब की सरकार ने इसका राजनीतिक फायदा उठाया या नहीं. तभी यह पता चलेगा कि सेना की कार्रवाइयों की आड़ में सियासत की बीमारी नई है या पुरानी.

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ट्रंप, टैरिफ, व्यापार, सीजफायर और मोदी

भारत व पाकिस्तान के बीच सीजफायर (संघर्ष रोकने) को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीजफायर की घोषणा से पहले से ही क्रेडिट लेने में लग गए.

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कौन जात हो ?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद वोट बाइट नाम की एजेंसी लोगों को कॉल करके एक सर्वे कर रही है. सर्वे का अंतिम सवाल आपत्तिजनक है, लोगों से उनकी जात पूछी जा रही है. ऐसे सवाल, जिनसे जवाब देने वाले की राजनीतिक समझ उजागर हो उन्हें केटेगरीज में डाला जाना कितना खतरनाक है, यह बताने की जरूरत नहीं है.

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