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कमाई की रईसों ने, भुगतेंगे अन्नदाता किसान

किसी भी देश की सरकार बदलती है, तो उसकी तमाम नीतियां, कूटनीतियां भी बदलने लगती हैं. यह कोई अचरज वाली बात नहीं है. वर्ष 2014 में देश में भाजपा की सरकार आयी. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. जिसके बाद सरकार की देशी-विदेशी नीतियां बदलीं. सरकार के साथ रईसों ने भी अपनी नीतियों को बदला. सरकार के समर्थन से रईसों ने अपना व्यापार बढ़ाया. 

 

पिछले 10-11 सालों में हम अमेरिका के करीब आते चले गये. खास कर डोनाल्ड ट्रंप के मामले में पीएम मोदी और भाजपा व सरकार के समर्थक कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहे. हाउडी ट्रंप से लेकर अबकी बार-ट्रंप सरकार तक. अब वही अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप भारी पड़ रहे हैं. इतना कि हम चीन से भी हर तरह की दोस्ती करने को उतावले नजर आ रहे हैं. जिसने दो माह पहले पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में दुश्मन का साथ दिया था. 

 

डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान बहुत चर्चा में है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के रईसों (सबसे अमीर परिवार) ने रूस से सस्ता तेल खरीद कर उसे अन्य देशों में बेचकर जबरदस्त मुनाफा कमाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत के सबसे अमीर परिवार ने 16 अरब डॉलर का लाभ कमाया है. यह व्यापार नीति उन्हें पसंद नहीं है. ट्रंप ने भारत के रईसों की खुल कर आलोचना की है. माना जा रहा है कि उनका निशाना मुकेश अंबानी और गौतम अडानी हैं.

 

 

 

गौर करनेवाली बात है कि रूस से सस्ता तेल खरीदने की वजह से ट्रंप सरकार ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. इस कारण कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है. इस टैरिफ की वजह से भारत सरकार को बड़ा आर्थिक नुकसान होने का अनुमान है. जीडीपी का तकरीबन एक प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है. 

 

अब सवाल यह उठ रहा है कि जब रूस से सस्ता तेल आ रहा था, तब इसका लाभ किसको मिला. रईसों ने लाभ कमाया. सरकार ने ज्यादा टैक्स वसूला. आम लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिला. पेट्रोल-डीजल एक रुपया भी सस्ता नहीं हुआ. अब जब अमेरिकी सरकार भारत पर टैरिफ लगा रही है, तो इसका नुकसान देश के रईसों के साथ-साथ आम लोगों को भी झेलना पड़ेगा.  दो दिन पहले ही भारत सरकार ने कपास (रुई) के आयात पर लगने वाले टैक्स (टैरिफ) को सितंबर माह तक खत्म कर दिया है. अब अमेरिका अपना कपास भारत में बेचेगा, उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

 

इस आदेश का असर यह हुआ कि दो दिन में ही भारत में कपास की कीमत 20-25 प्रतिशत कम हो गयी. यानी यहां के किसानों पर आफत आन पड़ी. सरकार ने इस बात का भी ख्याल नहीं रखा कि चार दिन पहले ही 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लालकिले से कहा था कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. पर हुआ इसका उल्टा. इस तरह कमाई की रईसों ने और भुगतेंगे  किसान व आम लोग.

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