हमारे पुराने मित्र, सहकर्मी और साहस से भरे हुए पत्रकार रवि प्रकाश नहीं रहे। वह कैंसर से लड़ रहे थे। ज़िंदगी कैसे जी जाती है, हमने उनसे सीखा है। आप हमारी ज़िंदगी में हमेशा शामिल रहेंगे दोस्त। अलविदा मेरे प्यारे भाई!@Ravijharkhandi pic.twitter.com/AN3xX5Mo2a
— Avinash Das (@avinashonly) September 20, 2024
जिंदादिल इंसान हमेशा अमर रहते हैं : हेमंत
जिंदादिल इंसान हमेशा अमर रहते हैं।
आप बहुत याद आएंगे रवि भाई…. pic.twitter.com/Vgah6kxQpJ
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 20, 2024
डेढ़ माह से मुंबई में चल रही थी कार-टी सेल थेरेपी
बता दें कि रवि प्रकाश को इसी महीने अमेरिका में आयोजित वर्ल्ड लंग्स कैंसर कॉफ्रेंस (डब्ल्यूसीएलसी-2024) में पेशेंट एडवोकेट एजुकेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. रवि प्रकाश यह पुरस्कार पाने वाले भारत के इकलौते व्यक्ति थे. रवि प्रकाश करीब पौने चार साल से लंग्स कैंसर से पीड़ित थे और कैंसर का लास्ट स्टेज चल रहा था. पिछले डेढ़ महीने से मुंबई में उनकी कार-टी सेल थेरेपी चल रही थी. अमेरिका से लौटने के बाद उन्हें गामा-डेल्टा सेल का चौथा इन्फ्यूजन भी दिया गया था.