Seraikela (Bhagya sagar singh) : आये दिन सड़कों पर होनेवाले सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन एवं सम्बन्धित विभाग द्वारा नित नए प्रयास किये जाते रहे हैं. यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा स्कूल कॉलेजों में अभियान चला कर विद्यार्थियों को भी जागरूक किया जाता है. कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी बढ़-चढ़ कर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. इन सबों के बावजूद संभावित दुर्घटना को न्योता देते सड़कों पर दौड़ते वाहनों की खुली छूट समझ से परे है.
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क्षमता से अधिक यात्री लेकर चलते हैं कुछ वाहन
छोटे यात्री वाहनों में निर्धारित सीट क्षमता से कई गुणा अधिक लोगों को लेकर कुछ यात्री वाहन सड़क पर दौड़ते रहते हैं. वाहन के अंदर ठूंस कर भरने के बाद छत पर कुछ यात्रियों को बैठाया जाता है, तो कुछ लटकते हुए भी सफर करते हैं. इस मामले में यात्रियों का कहना है कि गाड़ी नहीं मिलने के कारण उन्हें ऐसा कष्टकर सफर, निर्धारित किराया देकर करना मजबूरी है. दूसरी ओर वाहन चालकों का रोना रहता है कि मशीनरी एवं ईंधन की बढ़ती कीमत के कारण लाभ तो दूर लोन का इंस्टॉलमेंट भरना भी मुश्किल हो रहा है.
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यातायात पुलिस के सामने गुजरती हैं वाहनें
सड़क सुरक्षा संधारण को लेकर जगह-जगह तैनात ट्रैफिक पुलिस एवं टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी से होकर ऐसी वाहनें रोजाना गुजरती हैं. लेकिन बाइक में हेलमेट एवं चार पहिया वाहनों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता निर्धारण करने वाले भी इन पर कभी ध्यान नहीं देते.