Seraikela (Bhagya Sagar Singh) : सरायकेला-खरसावां जिले में सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन मुख्य सड़कों से लेकर सामान्य आवाजाही वाले सड़कों पर छोटे-बड़े दुर्घटनाओं का दौर जारी है. ऐसी दुर्घटनाओं में दुर्घटना के शिकार लोगों के हाथ पांव टूटने के अलावे मौत के आगोश में भी जा चूके हैं. सड़क दुर्घटनाओं के शिकार मृतकों के आश्रितों एवं घायलों को मुआवजा राशि उपलब्ध कराने में तथाकथित राजनेता एवं समाजसेवी सक्रिय रहते हैं, परन्तु उनकी यही सक्रियता सड़क सुरक्षा नियमों के अनुपालन हेतु लोगों को जागरूक करने में नहीं रहती. माना जा रहा है कि सड़क सुरक्षा हेतु बने कानून का अनुपालन नहीं होना बढ़ते दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है.
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मई से जुलाई के मध्य 48 दुर्घटना में 48 मौतें एवं 38 घायल हुए हैं
विगत दिनों उपायुक्त की अध्यक्षता में हुए सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के आंकड़ों के अनुसार विगत मई से जून तक सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति इस प्रकार थी. मई माह में 20, जून माह में 15 एवं जुलाई माह में 13 सड़क दुर्घटना की जानकारी विभाग को मिली है. उक्त दुर्घटनाओं में 48 लोगों की मौत हुई है एवं 38 लोग घायल हुए हैं. उपायुक्त अरवा राजकमल द्वारा जिले वासियों से विविध माध्यमों से सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण हेतु सहयोग करने की अपील की जाती रही है. अब समस्या यह है कि आम प्रबुद्ध जन किस प्रकार से सहयोग करेंगे. अधिकतर अभिभावक ही अपने नावालिग बच्चों को बाइक एवं वाहन चलाने पर रोक लगाने में असमर्थ हैं.
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सड़क सुरक्षा कानून को कड़ाई से अनुपालन करने की जरूरत
आम लोगों में यह चर्चा इन दिनों जोरों पर है कि सड़क सुरक्षा कानून को जब तक कड़ाई के साथ अनुपालन नहीं कराया जाएगा तब तक सड़क दुर्घटनाओं को रोका नहीं जा सकता. मात्र बाइक वालों की हेलमेट चेकिंग एवं सीट बेल्ट चेकिंग करते हुए प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष चालान काटने तक ही सिमट कर सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाना असम्भव है. तेज रफ्तार से सड़क पर स्टंट दिखाते किशोरों, शराब पीकर वाहन चलाने वाले छोटे यात्री वाहनों, ऊपर नीचे पैसेंजर ठूस कर चलने वालों, दर्जनों की संख्या में दौड़ रहे छोटे बड़े अनफिट, अपंजीकृत एवं अबिमित वाहनों को सड़कों पर दौड़ने की खुली छूट के बाद भी पता नहीं परिवहन विभाग किस तरीके से सड़क सुरक्षा नियमों का अनुपालन करा रही है लोगों की समझ से परे है.