Khunti : खूंटी में बच्चों पर अन्याय-शोषण के मामले चौंकाने वाले हैं. 4725 केस दर्ज किए गए हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पहली बार बाल विकास संघ से खूंटी जिले के छह प्रखंडों के घरों में मैपिंग करवायी. इसमें बाल तस्करी, बाल हिंसा, बालश्रम और बच्चों से संबधित हो रही हिंसाओं से प्रभावित परिवारों का सर्वे किया गया.
खूंटी जिले के छह प्रखंडों में की गई मैपिंग
यह मैपिंग खूंटी, अड़की, कर्रा, मुरहू, रनिया और तोरपा प्रखंड के गांवों में की गई. सर्वे की तैयार रिपोर्ट और आंकड़ों को आयोग के वेबपोर्टल पर अपलोड करते हुए जिले के उपायुक्त को उपलब्ध करवा दी गई. तैयार की गई रिपोर्ट में बच्चों से जुड़े मामले को लेकर 4725 मामलों को दर्ज किया गया. सबसे ज्यादा मामला कर्रा प्रखंड से 1604 मामले मिले हैं. वहीं दूसरे नंबर पर 948 खूंटी प्रखंड, तीसरे नंबर में अड़की प्रखंड में 720 मामलों का पता चला इसके बाद 649 मामले मुरहू, 633 तोरपा है.
इसे भी पढ़ें : झारखंड का एक विभाग जहां बिना योग्यता मिलती है प्रोमोशन, ट्रैपिंग के बाद उसी जगह पोस्टिंग
जानें क्या-क्या मुख्य बातें हैं रिपोर्ट में
रिपोर्ट के अनुसार 37 बच्चे नक्सल गतिविधियों से प्रभावित होने को लेकर क्रमागत किया गया. इसके अलावा 516 बच्चों को नशे के मामले सामने आये हैं. जबकि 99 मामले परिवार में नशापान के कारण बच्चे भी नशापान के शिकार होने को लेकर मिले पूरे जिले में 65 बच्चों के लापता होने, 19 तस्करी का शिकार होने, 9 मामले बालश्रम और 86 बच्चे बेघर पाए गए. रिपोर्ट के अनुसार वैसे बच्चे और उनके परिवारों को सरकार की सामाजिक सुरक्षा जैसी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास कर रही है, जिससे वे पैसे के कमी से और मजबूरी में बच्चों की तस्करी, बालश्रम से जुड़े बच्चों पर और उनके अधिकारों का हनन (हिंसा) न किया जा सके. दूसरे चरण में आयोग की मैपिंग कार्य पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर में होगा.
धार्मिक स्थलों को भी बालश्रम से मुक्त कराया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग से और वर्तमान में नीति आयोग के सीएसओ स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य संजय मिश्रा ने बताया कि बाल आयोग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किया गया है. देश के 50 धार्मिक स्थलों को बालश्रम मुक्त कराया जाएगा. इसमें झारखंड देवघर मंदिर को भी चुना गया है. इसके अलावा बोधगया को भी इसमें सम्मलित किया गया है. साथ ही धार्मिक स्थलों में बच्चों द्वारा भिक्षावृति को भी बंद कराया जाएगा. इसके लिए इन स्थानों का निरीक्षण भी होगा. दूसरी ओर देश में पहली बार आयोग की तरफ से मैपिंग कार्य खूंटी में पूरा कर लिया गया है. इस संबंध में संबंधित धार्मिक स्थलों के जिले के उपायुक्त साथ बैठक होगी.
इसे भी पढ़ें : असहाय बच्चों को जो देते हैं संरक्षण, 14 महीनों से उनको नहीं मिला वेतन, दिया धरना