- 6 साल से दो रैयतों ने अधिग्रहित जमीन पर जमा रखा था कब्जा, जुडको ने हटाया
- अतिक्रमण हटाने गयी टीम डेढ़ साल में 10 बार विरोध के कारण वापस लौट चुकी थी
- पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में 210 फिट के एरिया को किया गया कब्जा मुक्त
Ranchi: दैनिक शुभम संदेश की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. जो काम 6 साल में नहीं हो पाया, शुभम संदेश में खबर छपने के 6 दिन बाद वह काम हो गया. मामला रांची के कांटाटोली फ्लाईओवर से जुड़ा है. बुधवार को जुडको की टीम ने फ्लाईओवर निर्माण में अंतिम बाधा को भी खत्म कर दिया. 210 फिट एरिया में 6 साल पुराने कब्जे को हटा दिया गया. 198 करोड़ के कांटाटोली फ्लाईओवर प्रोजेक्ट के निर्माण में दो रैयत 6 साल से रोड़ा अटका रहे थे. एचपीसीएल पेट्रोल पंप के मालिक रॉबर्ट मिंज और वाईएमसीए की बाउंड्री से सटे एक रैयत अनुपम रावना ने फ्लाईओवर के लिए अधिग्रहित जमीन पर कब्जा जमा रखा था. 2018 में ही उनकी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है, लेकिन दबंगई करके ये अधिग्रहित जमीन पर कंपनी को काम नहीं करने दे रहे थे. अप्रैल 2022 से अबतक करीब 10 बार जुडको की टीम इन दोनों जगहों पर अतिक्रमण हटाने गयी, लेकिन विरोध के कारण टीम को लौटना पड़ा. 14 सितंबर को इसे लेकर शुभम संदेश में खबर छपी. इसके बाद नगर विकास विभाग, जुडको और प्रशासन की टीम हरकत में आई और 20 सितंबर को दोनों जगहों पर अधिग्रहित जमीन को पूरी तरह कब्जा मुक्त कर दिया गया. सिर्फ एचपीसीएल के पेट्रोल पंप फ्यूल डिस्पेंसर मशीन को अभी नहीं हटाया गया है. मशीन को हटाने के लिए कंपनी को पत्र लिखा गया है. एक-दो दिन में कंपनी उसे हटा लेगी.
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हटा कब्जा
जुडको और काम करने वाली दिनेश अग्रवाल एंड संस कंपनी की टीम बुधवार दोपहर मजिस्ट्रेट और पुलिस-प्रशासन के साथ मौके पर पहुंची. अधिग्रहित जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया. इस दौरान फिर से दोनों रैयत और उनके परिवार के लोग जुट गये और विरोध शुरू कर दिया, लेकिन टीम ने उनकी एक नहीं सुनी. कहा कि उन्हें कई बार समय दिया गया है. इसके बावजूद वे कब्जा नहीं छोड़ रहे हैं. जितने दूर तक मार्किंग की गई है उतने दूर तक आज हर हाल में कब्जा हटेगा. इसके बाद मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में 3 बुलडोजर, 5 हाईवा और पेड़ काटने वाली मशीन से आधे घंटे के अंदर पूरा अतिक्रमित एरिया मुक्त करा लिया गया. पेट्रोल पंप के आसपास स्थित दर्जन भर पेड़ों और बांस की झाड़ को काटा गया. पेट्रोल पंप मालिक की पत्नी ने कहा कि जो पेड़ काटे गये हैं वो उन्हें सौंप दिया जाए, जबकि जुडको की टीम ने पेड़ को गाड़ियों में भरके उन्हें वन विभाग को सौंप दिया.
अतिक्रमण के कारण महत्वपूर्ण काम लटके थे
198 करोड़ के कांटाटोली प्रोजेक्ट को अप्रैल 2024 तक कंप्लीट करना है. फ्लाईओवर के दोनों तरफ का काम तेजी से चल रहा है. कांटाटोली चौक के पास गाडर पर सेग्मेंटल बॉक्स रखे जा चुके हैं, लेकिन बहु बाजार से पहले वाईएमसीए की बाउंड्री से सटे एक रैयत (अनुपम रावना) और एचपीएसीए पेट्रोल पंप के मालिक (राबर्ट मिंज) के विरोध के कारण तीन पीलरों के बीच का पूरा काम बंद है. जिस जगह पर काम रूका हुआ है, वह काफी महत्वपूर्ण जगह है. यहीं से खादगढ़ा, नामकुम और लालपुर चौक जाने के लिए एक्जिट रैंप बनाया जाना है. खादगढ़ा बस स्टैंड से निकलने वाली गाड़ियों के लिए इंट्री प्वाइंट भी यहीं बनेगा. यहां दो कलवर्ट का भी निर्माण किया जाना है. पाइपलाइन भी बिछानी है और सड़क का निर्माण करना है. कब्जा हटने के बाद अब जल्द ही कंपनी यहां काम शुरू करेगी.
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2018 से 2023 तक कई बार हुई मापी
जुडको का कहना है कि 2018 में ही रैयतों को मुआवजा मिल चुका है, फिर भी वे कब्जा नहीं हटा रहे हैं. वहीं रैयतों का कहना है कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. कंपनी के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि 2018 से 2023 के बीच कई बार जिला प्रशासन, जुडको और नगर निगम के अमीन की टीम बनाकर जमीन की मापी की गई. हर बार दोनों रैयत जमीन मापी कराने की मांग शुरू कर काम को प्रभावित कर देते हैं. कंपनी का काम सिर्फ निर्माण से संबंधित है. रैयतों के मुआवजा से संबंधित काम जिला प्रशासन और भू-अर्जन विभाग देखती है. ये लोग वहां अपनी बात नहीं रखकर सरकारी काम में बाधा डालकर विकास को बाधित कर रहे हैं.
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