Hazaribagh: विश्व मृदा दिवस पर आत्मा हजारीबाग में कृषि वैज्ञानिक अंतर मिलन का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम आत्मा हजारीबाग की ओर से किया गया. कार्यक्रम का संचालन आत्मा के उप परियोजना निदेशक रजनीश आनंद ने किया. मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय वर्षाश्रित उपराऊंभूमि चावल अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर शिव मंगल प्रसाद ने कहा कि प्रत्येक साल पांच दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य मिट्टी के संरक्षण, महत्व और उसके टिकाऊ उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है.
पर्यावरण संतुलन में मिट्टी अहम भूमिका निभाती है
मंगल ने कहा कि मिट्टी पृथ्वी पर जीवन का आधार है, क्योंकि भोजन के लिए यही मिट्टी सबसे बड़ा रोल अदा करती है. साथ ही पर्यावरण के संतुलन में भी मिट्टी अहम भूमिका निभाती है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ऐफएओ हर साल विश्व मृदा दिवस मनाता है. इसमें बताया जाता है कि अगर मिट्टी न हो तो पौधे नहीं होंगे और न ही इंसान और जानवर होंगे. यदि मिट्टी न हो तो पूरी फूड चेन और सभी जिंदा जीवों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. मौके पर आत्पमा हजारीबाग के परियोजना निदेशक विल्सन आनंद कुजूर ने कहा कि आज दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन की चुनौती सबसे बड़ी है. जिसका सबसे बड़ी शिकार मिट्टी हुई है.
अब समय मिट्टी का केयर करने का हैः आनंद कुजूर
कुजूर ने कहा कि मिट्टी का रोल सिर्फ फूड प्रोडक्शन तक सीमित नहीं है. अगर मिट्टी की सेहत ठीक है तो प्लांट की सेहत ठीक रहेगी. अगर प्लांट हेल्थ ठीक है तो एनिमल हेल्थ ठीक रहेगी और एनिमल हेल्थ ठीक रहेगी तभी इंसानों की सेहत भी ठीक रहेगी. यह सब एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसलिए अब समय मिट्टी की केयर करने की है. इस कार्यक्रम में सहायक निदेशक उद्यान निकिता कुमारी जिला उद्यान पदाधिकारी राजकुमार शाह, आत्मा हजारीबाग के सभी प्रखंड के प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं सैकड़ो कृषकों ने भाग लिया.
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