Ranchi : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले रिम्स में राज्य का सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगा है. सोलर प्लांट लगाने का मुख्य उद्देश्य था बिजली की इस वैकल्पिक व्यवस्था से रिम्स को 24 घंटे सस्ती और निर्बाध बिजली मिलेगी, लेकिन पिछले कई सालों से यह सोलर ऊर्जा के लिए लगाए गए यंत्र खराब पड़े हुए हैं. सोलर सिस्टम लगाने के लिए करीब 5 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत आई थी. ज्रेडा ने इस काम को पूरा किया था, लेकिन यह सोलर पैनल अब रिम्स की छत की शोभा बढ़ा रहे हैं बिजली बोर्ड के अनुसार रिम्स में रोजाना बिजली की खपत 4500वाट है. ऐसे में सोलर प्लांट के उपयोग से बिजली विभाग की दी जाने वाली राशि की बचत होती.
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सोलर पावर से वार्ड, ऑपरेशन थिएटर और इमरजेंसी में बिजली देने की थी योजना
रिम्स की छत पर लगाए गए सोलर प्लांट से रिम्स के विभिन्न विभागों के साथ ऑपरेशन थिएटर और इमरजेंसी में निर्बाध रूप से बिजली पहुंचाने की योजना थी, लेकिन अफसरों की उदासीनता के कारण सोलर प्लांट खराब पड़ा हुआ है और यह रिम्स की छत की शोभा बढ़ा रहा है. गौरतलब है कि सोलर प्लांट से 400 किलोवाट बिजली उत्पादन की व्यवस्था की गई थी.
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खराब पड़े सोलर पैनल की जानकारी देने से कतराते रहे रिम्स के अधिकारी
खराब पड़े सोलर प्लांट की जानकारी के लिए जब लगातर. इन के संवाददाता ने रिम्स के अपर निदेशक (प्रशासनिक) वाघमारे प्रसाद कृष्ण से जानना चाहा तो उन्होंने छुट्टी में होने की बात कहते हुए रिम्स के चिकित्सा उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार से पूरे विषय की जानकारी लेने की बात कही. जब हमारे संवाददाता ने रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संजय से खराब पड़े सोलर प्लांट की जानकारी लेना चाहा तब उन्होंने सोलर प्लांट की वस्तुस्थिति जानने के बाद ही कुछ कहने की बात कही. लेकिन लगातार.इन की पड़ताल में यह साफ हो गया कि 5 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से लगा सोलर पैनल खराब है.
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