- खेल विभाग ने सीएम को बताया- झारखंड में 11 हजार क्लबों का हुआ रजिस्ट्रेशन
- हकीकत- 11 महीने में 10 सिदो कान्हू खेल क्लब का भी नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन
- उठते सवाल…
- सीएम को समीक्षा बैठक में क्लबों के रजिस्ट्रेशन की दी गयी गलत जानकारी
- रांची को छोड़ किसी भी जिले में किसी क्लब का नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन
Shubham Kishore
Ranchi : 18 जून को शुभम संदेश ने सिदो कान्हू खेल क्लब के 11 महीने में एक प्रतिशत भी निबंधन नहीं होने की खबर प्रकाशित की थी. इसी दिन सीएम चंपाई सोरेन ने सभी विभागों की समीक्षा की थी. इस दौरान सीएम ने खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की भी समीक्षा की. समीक्षा के दौरान मौके पर मौजूद पदाधिकारियों ने सीएम को बताया कि राज्य में अभी तक 27 हजार 248 सिदो कान्हू युवा खेल क्लबों का गठन हुआ है, जिसमें से लगभग 11 हजार से अधिक क्लबों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. लेकिन हकीकत पदाधिकारियों द्वारा सीएम को दी गयी जानकारी से बिल्कुल परे है. हकीकत यह है कि रांची को छोड़ कर किसी भी जिले में किसी क्लब का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. रांची को छोड़ बाकी जिलों के लगभग 80 क्लबों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जारी है.
गलत जानकारी देने पर निदेशालय ने नहीं दिया जवाब
खेल निदेशालय से जब 11 हजार क्लबों के रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी ली गयी, तो सभी अधिकारी इससे बचते नजर आये. खेल निदेशक सुशांत गौरव, उपनिदेशक मनीष कुमार भी बोलने से बचते दिखे. समीक्षा बैठक के दौरान सीएम चंपाई सोरेन ने रजिस्ट्रेशन में तेजी लाने को कहा है. कोऑपरेटिव के माध्यम से रजिस्ट्रेशन में तेजी लाने की बात भी कही गयी है.
कागज में 27, 233 खेल क्लबों का गठन कर चुका है विभाग
बता दें कि झारखंड में कुल 30,337 ग्राम स्तर पर सिदो कान्हू युवा खेल क्लब का गठन करना है. विभाग कागज में 27, 233 खेल क्लबों का गठन कर चुका है. लेकिन रजिस्ट्रेशन सिर्फ 14 का हुआ है, जिसमें रांची में लगभग पांच क्लबों का निबंधन हुआ है. सभी सिदो कान्हू क्लब का रजिस्ट्रेशन 1860 सोसाइटी एक्ट के रूप में कराया जाना है. सिदो कान्हू युवा खेल क्लब के गठन के लिए प्रत्येक गांव में आम सभा बुलाकर क्लब की स्थापना की जानी है. इसके बाद ग्राम स्तर पर प्रत्येक क्लब को डीसी द्वारा 25 हजार रुपए अनुदान दिया जाना था. रजिस्ट्रेशन में एफिडिफिट और अन्य प्रक्रिया में लगभग 500 रुपये का खर्च क्लब के सचिव को उठाना था. जानकारी के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र के लोग अपनी जेब से पैसे लगाने के पक्ष में नहीं हैं.
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