Dehradun: जोशीमठ में भू-धंसान को देखते हुए प्रशासन शहर का सर्वे करा रहा है. इसमें क्षेत्रों को सेफ जोन और डेंजर जोन में बाटा जा रहा है. वहीं चमोली डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी की ओर से कहा गया है कि जोशीमठ की 603 बिल्डिंग में मोटी-मोटी दरारें पड़ गई हैं. कई इलाकों को डेंजर जोन में लाया गया है. यहां जोशीमठ और आसपास के इलाकों में कंस्ट्रक्शन का काम पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इससे प्रभावित परिवार सुरक्षित जगहों की ओर जा रहे हैं.
इसे पढ़ें-बिहार : कटिहार में ट्रक ने ऑटो को कुचला, 8 लोगों की मौत
बताते चलें कि जोशीमठ में बढ़ती दरारों ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है. मलबे और बोल्डर के ढेर के कारण जोशीमठ भू-गर्भीय दृष्टि से संवेदनशील है. ये इलाका जोन फाइव में आता है, जो भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील है, और यही वैज्ञानिकों की असली चिंता का कारण भी है.
इसे भी पढ़ें-दिल दहला देने वाली वारदात : एक शख्स के दोनों हाथ काटकर ले गए दबंग
बारिश हुई तो बढ़ेगी मुश्किलें
इस मामले पर एक और चिंता का कारण यह कै कि जनवरी और फरवरी में वैज्ञानिक बारिश की भी आशंका जता रहे हैं. दूसरी ओर, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून के डायरेक्टर कालाचांद साईं का कहना है कि अगर बारिश हुई तो इन दरारों में पानी के इकट्ठा होने से भू-धंसाव और तेजी के साथ बढ़ सकता है. इस पर अगर इस क्षेत्र में हल्का सा भी भूकंप का झटका आया तो भू धंसाव के साथ लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ सकती हैं.
[wpse_comments_template]